
शेखावाटी की बेटियां अब क्रिकेट में लगाएंगी चौके-छक्के
सीकर. क्रिकेट की पिच पर अब सीकर की बेटियां भी चौके-छक्के लगाने के लिए तैयार है। पिछले दो वर्षो में महिला क्रिकेट का काफी क्रेज बढ़ा है। इसके पीछे वजह खेल संगठनों की ओर से लगातार संसाधन मुहैया कराना है। नियमित अभ्यास व खेल तकनीक के दम पर यहां की बेटियों का पिछले वर्षो में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के लिए चयन हुआ है। राधाकिशनपुरा स्थित सुरभि क्रिकेट एकेडमी में बेटियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एकेडमी की ओर से बेटियों को ड्रेस व किट भी निशुल्क उपलब्ध कराई है। इसी के दम पर यहां की हर्षिता शर्मा व डिम्पल शेखावत सहित कई बेटियों ने प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
जनसम्पर्क किया फिर भी कोई राजी नहीं हुआ
सीनियर खिलाड़ी व कोच संदीप सैनी का कहन है कि शेखावाटी में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। लेकिन माहौल नहीं मिलने के कारण यहां के खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाए। खासकर बेटियों को तो ज्यादातर परिजन खेलों से दूर ही रखना चाहते है। एकेडमी की ओर से दो वर्ष पहले शहर के विभिन्न मोहल्लों व स्कूलों में जनसम्पर्क किया। इसके बाद कुछ परिजन बेटियों को भेजने के लिए तैयार हुए। फिर बेटियों को नियमित चार से पांच घंटे अभ्यास कराकर प्रतिभा को निखारा गया।
खेलों में कॅरियर की कमी नहीं
राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करने वाली डिम्पल शेखावत का कहना है कि खेलों में भी अच्छा कॅरियर है। ज्यादातर अभिभावक बच्चों को पढ़ाई पर ही जोर देने का दवाब बनाते है। शेखावत का कहन है कि बच्चों को कॅरियर चुनाव के मौके की छूट मिलनी चाहिए।
विभाग के पास नाकाफी
खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद की जिला व ब्लॉक स्तर के लिए कोई योजना नहीं है। यही कारण है कि खिलाडिय़ों को खेल संगठनों व एकेडमियों का सहारा लेना पड़ रहा है। जिले में चार बड़े खेलों को छोडकर अन्य के प्रशिक्षण के लिए कोई सुविधा नहीं है। इस कारण खिलाडिय़ों का सपना टूट जाता है।
Published on:
21 May 2018 10:55 am
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