
Singrauli, Madhya Pradesh, India
सिंगरौली। जिले में अबला सुरक्षित नहीं है। समाज का हर वर्ग बेटियों की सुरक्षा को लेकर खौफजदा है। जिसे घर की लक्ष्मी कहते हैं उसी पर अत्याचार करने पर समाज आतुर है। आंखों में हजार सपने संजोए मासूम स्वच्छंद जीवन की ओर बढ़ी ही थी कि उसकी राह में दर्द के रोड़े पड़ गए। चार कदमों बाद ही मानों उसकी जिंदगी थम सी गई। घर में मां और बहन का दर्जा देने वाले इस पढ़े-लिखे समाज का हिस्सा ऐसा हो गया जो उसकी हंसती खेलती दुनिया तबाह कर गया।
पुलिस विभाग में दर्ज आंकड़े बताते हैं कि जिले में महिलाओं पर अत्याचार तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2016 में दुष्कर्म के 83 तो अपहरण के 78 मामले दर्ज हुए थे, जबकि वर्ष 2017 में दुष्कर्म के 92 और अपहरण के 87 केस दर्ज हो चुके हैं। यहां राह चलती बहन बेटी के साथ भी अभद्रता हो रही है।
महीनेभर में यह तीसरी घटना
माड़ा थाना क्षेत्र के ओखरावल गांव में एक सात वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद बदमाशों ने बेरहमी से हत्या कर दी। इससे पहले भी जियावन और बरगवां में मासूम के साथ दुष्कर्म की दो घटनाएं हो चुकी हैं। रोंगटे खड़ी कर देने वाली इस घटना को सुनकर लोग हैरान हो गए।
पुलिस का खौफ नहीं
बताया गया है कि पुलिस का अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के कारण महिलाओं की आवाज घर तक सिमट जाती है। महिलाओं के प्रति अत्याचार के प्रतिदिन मामले सामने आते हैं। इसमें अपहरण, छेड़छाड़ और दुष्कर्म की शिकार महिलाओं के प्रकरणों की संख्या खूब है। कई मामलों में परिजन समाज की वजह से मामले को रफादफा कर समझौता कर लेते हैं। वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि यदि रसूखदार लोगों के नाम सामने आते हैं तो पुलिस पर उन्हें बचाने के आरोप लगते हैं। वहीं महिलाओं के सुरक्षा से संबंधित चलाए गए अभियानों पर भी कारगार काम नहीं हो पा रहा है।
Updated on:
22 Dec 2017 01:51 pm
Published on:
22 Dec 2017 01:35 pm
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