
Girl dies in Singrauli district hospital, doctors accused of negligence
सिंगरौली. जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में शनिवार की सुबह कछरा महुआगांव निवासी मासूम बच्ची को उसके परिजनों ने बच्चा वार्ड में भर्ती कराया। जहां उसका उपचार शुरू कर दिया गया। दोपहर होते ही शिशु रोग चिकित्सक क्लीनिक पर उपचार करने चले गए। इस दौरान अचानक मासूम बच्ची की तबीयत बिगड़ गई। उसे देखकर परिजन परेशान हो गए।
बच्ची की मां डॉक्टर को बुलाने के लिए ड्यूटी स्टाफ नर्स से खूब गिड़गिड़ाई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। कुछ ही देर में मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने चिकित्सक व ड्यूटी नर्स पर उपचार में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए बवाल शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस और नायब तहसीलदार जान्हवीं शुक्ला ने समझाबुझा कर लोगों को शांत कराया।
सरई क्षेत्र के कछरा निवासी महेंद्र कुशवाहा ने बताया कि वह सुबह करीब साढ़े 10 बजे अपनी तीन वर्षीय बच्ची काजल कुशवाहा को पेट में दर्द होने की शिकायत पर यहां भर्ती कराया। डॉ. एपी पटेल की देखरेख में बच्ची का उपचार शुरू किया गया। दोपहर में करीब एक बजे अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। तब तक डॉक्टर जा चुके थे।
इस दौरान बच्ची की मां ने ड्यूटी स्टाफ नर्स से डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा, लेकिन नर्स का जवाब मिला कि बच्ची ठीक है। उसे कोई परेशानी नहीं है। काफी गिड़गिड़ाने के बाद भी डॉक्टर को नहीं बुलाया गया। करीब डेढ़ घंटे तड़पने के बाद करीब ढाई बजे बच्ची ने दम तोड़ दिया। हैरत की बात यह रही कि इस दौरान जिला अस्पताल में एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं था। लंबी दूरी तय कर सरई से उपचार कराने जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों को मासूम बच्ची से हाथ धोना पड़ गया।
परिजनों ने शव लेने से किया इंकार
मासूम बच्ची की मौत के बाद परिजनों शव लेने से इंकार करते हुए बवाल शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि बच्ची की मौत इलाज में लापरवाही के चलते हुई। परिजनों के आक्रोश को देखते हुए अस्पताल की नर्सों ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस व नायब तहसीलदार जान्हवीं शुक्ला ने उन्हें समझाइस देकर शांत कराया और मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया।
अस्पताल में अभी भी लापरवाही जारी
अभी हाल ही में कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने अस्पताल का निरीक्षण कर चिकित्सकों को ओपीडी में समय पर रहने को लेकर चेतावनी दी, लेकिन नतीजा सिफर है। अस्पताल में ओपीडी ही नहीं बल्कि इमरजेंसी में भी डॉक्टर नदारद रहते हैं।
शनिवार को भी बच्ची के गंभीर होने पर कोई भी डॉक्टर इमरजेंसी में नहीं रहा। यही वजह रहा कि डॉक्टर को दिखाने के लिए भारी संख्या में मरीज इंतजार कर रहे थे। इस दौरान पत्रिका ने कई बार सीएमएचओ को डॉक्टर के नहीं होने की सूचना दिया। मगर, सीएमएचओ की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी।
वर्जन:-
मरने वाले को कोई नहीं रोक सकता है। चिकित्सक नहीं थे लेकिन स्टाफ नर्स ड्यूटी में मौजूद थी। बच्ची गंभीर हालत में थी, इसलिए उसे बचाया नहीं जा सका। परिजनों के आरोप की जांच कराएंगे।
डॉ. एनके जैन, सीएमएचओ सिंगरौली।
Published on:
18 Jul 2021 12:54 am
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