19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MP के इस जिले को 15 अगस्त तक ODF घोषित करने का फरमान, अभी ये है हाल

चार साल में महज 52 ग्राम पंचायतें ही ओडीएफ, डेढ़ माह में 264 की तैयारी, जिले में हैं 316 ग्राम पंचायतें

2 min read
Google source verification
list of odf villages in singrauli district

list of odf villages in singrauli district

सिंगरौली। स्वच्छ भारत अभियान के तहत 15 अगस्त तक जिले की सभी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित करने का फरमान जिला प्रशासन ने जारी कर दिया है। इसी के साथ ही सभी विभाग के प्रमुखों को ग्राम पंचायतें बांट दी गई हैं। कलेक्टर अनुराग चौधरी ने जिम्मेदारों को शौचालयों के निर्माण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर तय समय के भीतर करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से आगामी 02 अक्तूबर तक ओडीएफ घोषित करने के निर्देश दिए गये हैं। मगर, जिलास्तर पर 15 अगस्त तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

बताते चलें कि केन्द्र सरकार ने 02 अक्तूबर 2014 को देश को खुले में शौच मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया था। 02 अक्तूबर 2018 को करीब चार साल पूरे होने जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो इन चार वर्षों के दौरान जिले की अब तक सिर्फ 52 ग्राम पंचायतें ही ओडीएफ घोषित की गई हैं, जबकि जिले में 316 ग्राम पंचायतें हैं। सवाल यह कि बाकी पंचायतें डेढ़ माह के अंदर कैसे ओडीएफ हो सकेंगी? फिलहाल जिला प्रशासन के लिए यह कार्य गले की फांस बन गया है।

इन विभागों को मिली जिम्मेदारी
सर्वाधिक ग्राम पंचायतोंकी जिम्मेदारी पुलिस विभाग को सौंपी गई है। पुलिस विभाग को 20 ग्राम पंचायतों मे शौचालय बनवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह से परिवहन विभाग के पास एक ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी सौंपी गई है। खनिज विभाग के पास के पास दो ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी दी गई है। पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को क्रमश: दो-दो ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शिक्षा विभाग के पास 4 ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी दी गई है। मार्फेड विभाग और कृषि विभाग को क्रमश: एक-एक ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी दी गई है।

खुले में शौच मुक्त करने की जिम्मेदारी बांटी

पीएमजीएवाई के अधिकारियों को चार ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी दी गई है। एडीएम को एक ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह से प्रत्येक एसडीएम को एक-एक ग्राम पंचायतें दी गई हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग और पशु विभाग को क्रमश: एक-एक ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह से जिले में संचालित सभी विभागों को ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त करने की जिम्मेदारी बांटी गई है।

धीमी गति से हो रहे शौचालयों के निर्माण
जिले की सभी 316 ग्राम पंचायतों में से अब तक महज 52 पंचायतें ही ओडीएफ घोषित की जा सकी हैं। इन 52 पंचायतों में 125 ग्राम सम्मिलित हैं, जबकि जिले में कुल गांवों की संख्या 721 हैं। डेढ़ माह के भीतर सभी ग्राम पंचायतें कैसे ओडीएफ हो पाएंगी? यह यक्ष प्रश्र है।

हर विभाग के विभाग प्रमुखोंको शौचालयों के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 15 अगस्त तक सारे विभाग शौचालयों का निर्माण करा लेंगे। 15 अगस्त तक जिले की सभी ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित कर दी जाएंगी।
- अनुराग चौधरी, कलेक्टर

ब्लॉकवार ओडीएफ ग्राम पंचायतें
- ब्लॉक ग्राम पंचायत ओडीएफ गांव
- बैढ़न 09 17
- देवसर 36 82
- चितरंगी 07 26