जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग में पदस्थ डॉ. गंगा वैश्य का विवाह गोरबी निवासी पीएन वैश्य की पुत्री डॉ. दीपिता से तय था। विवाह के लिए गुरुवार 29 अप्रेल की तिथि तय थी। जीवन का यह महत्वपूर्ण मौका होने के बावजूद डॉ. गंगा ने मरीजों के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं छोड़ी। उन्होंने बुधवार को रात सवा दो बजे तक कोरोना वार्ड में ड्यूटी की। साढ़े तीन बजे घर पहुंचे।
सुबह साढ़े नौ बजे डॉ. दीपिता के साथ परिणय सूत्र में बंधे और वहां फुर्सत होने के बाद शाम 7 बजे फिर से कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों को देखने पहुंच गए। हालांकि विवाह कार्यक्रम के मद्देनजर उन्होंने गुरुवार को अवकाश ले रखा है। इसके बावजूद वह उन मरीजों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे, जिनका इलाज उनके देखरेख में चल रहा है।
सादे समरोह में लिए सात फेरे
डॉ. गंगा व डॉ. दीपिता ने दुद्धिचुआं स्थित गायत्री मंदिर में सादे समारोह में सात फेरे लेकर परिणय सूत्र में बंधे। इस मौके पर कलेक्टर की ओर से जारी गाइडलाइन के मद्देनजर केवल 15 लोग उपस्थित रहे। गाइडलाइन के चलते वर व कन्या पक्ष के परिवार के सभी सदस्य भी शादी समारोह में शामिल नहीं हो सके।
अधिकारियों ने दी बधाई
डॉ. गंगा बताते हैं कि सादे समारोह में विवाह की प्रेरणा उन्हें उनके पिता शंकर दयाल वैश्य से मिली। डॉ. गंगा कहते हैं कि कोरोना से सुरक्षा के मद्देनजर सभी को गाइडलाइन का पालन करते हुए विवाह का आयोजन करना चाहिए। डॉ. गंगा के इस दायित्व बोध की चर्चा जिला अस्पताल से लेकर जिला प्रशासन तक के अधिकारियों में रही। सभी ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए बधाई दी।