
'Start' in push start buses, passenger in difficult
सिंगरौली. जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण मार्ग पर खटारा व फिटनेस से बाहर हो गईं आधा सैकड़ा बसें बेखौफ दौड़ रहीं हैं। ये खटारा बसें यात्रियों को बीच सफर में दगा दे रही हैं और कभी भी हादसे का कारण बन सकती हैं। ऐसी बसें धक्का लगाए जाने पर ही स्टार्ट होती हैं और कहीं भी उनका टायर फट जाता है। इससे हादसे की आशंका रहती है। मगर जिम्मेदार विभाग व अधिकारी इस समस्या को लेकर कतई गंभीर नहीं दिखते। हालत यह है कि ऐसी खटारा बसों की टूटी खिड़कियां यात्रियों को परेशानी देती हैं। मगर गंभीरता से कार्रवाई नहीं होने के चलते बस आपरेटरों की मनमानी चल रही है।
मेहरबानी का नतीजा
बस ऑपरेटरों के ऊंचे रसूख व विभाग की अनदेखी और कभी-कभार खानापूर्ति के लिए कार्रवाई के चलते इस समस्या का निराकरण नहीं हो रहा। इस कारण आम आदमी खटारा व मियाद पूरी हो चुकी बसों में सफर करने को विवश है। ऐसी खटारा बसों की पूरी बाडी हिलती रहती है और उनमें सफर करने वाले हर यात्री की सांस पूरे सफर मेें अटकी रहती है।
फस्र्ट एड बाक्स खाली
ऐसी बसों में नियमानुसार दुर्घटना में घायलों के त्वरित इलाज के लिए लगा फस्र्र्ट एड बाक्स खाली रहता है। यात्रियों को हादसे की दशा में किसी मेडिकल स्टोर या डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। गांव रैला निवासी सुशीलकुमार के अनुसार टूटी हुई खिड़की व दरवाजों वाली खटारा बसें यात्रियों को रोज जख्म देती है । इधर, जिला परिवहन अधिकारी विक्रम सिंह राठौर ने बताया कि अभी सभी अधिकारी व कर्मचारी चुनाव में व्यस्त हैं। वैसे वाहनों की नियमित चेकिंग होती है।
Published on:
23 Nov 2018 03:05 am
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