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गरीबी के कारण नाना ने दिया सहारा, पहले ही प्रयास में क्लियर की IIT

आसमां छूने की चाह, राहुल ने पहले प्रयास में किया कमाल, आईआईटी में चयन, सिंगरौली का रोशन किया नाम

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Story of Rahul Dev Pandey in singrauli

Story of Rahul Dev Pandey in singrauli

सिंगरौली। कहते हैं अगर मन में कुछ करने की तमन्ना हो तो परिस्थितियां आड़े नहीं आती हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया एक गरीब किसान घर में पैदा हुए राहुल देव पाण्डेय ने। उन्होंने गरीबी के बाद भी पहले ही प्रयास में आईआईटी में चयन पाकर सिंगरौली जिले का मान बढ़ाया। मौजूदा वक्त में राहुल आईआईटी बीएचयू में प्रथम वर्ष के छात्र हैं। राहुत के पिता उसे पढ़ाने में सक्षम नहीं थे।

सोनभद्र जिले के भरसड़ी निवासी राहुल के नाना शिवप्रसाद दुबे एनसीएल के बीना प्रोजेक्ट में कर्मचारी थे। वे बचपन में ही राहुल को अपने पास पढऩे के लिए बीना ले आए। राहुल ने डीएवी बीना से हाईस्कूल एवं इंटर की पढ़ाई पूरी की। 12वीं में उसे 95 प्रतिशत अंक मिले। इसी दौरान उसने शक्तिनगर एसएसजी कोचिंग में आईआईटी की तैयारी के लिए दाखिला लिया। और यहीं से उसकी सफलता की राह खुल गई।

नाना ने दिया खुला आसमान
सिंगरौली जिले के कथुरा गांव निवासी अजीत देव पाण्डेय एक किसान हैं। किसी तरह से खेती-बाड़ी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। अजीत का बड़ा बेटा राहुल शुरू से ही पढऩे-लिखने में होनहार था। उसके पिता उसे खूब पढ़ाना चाह रहे थे। संसाधनों की कमी के चलते खुद को लाचार महसूस कर रहे थे।

लगातार करता मेहनत
राहुल के पिता ने बताया कि बेटा पढ़ाई में दिनरात लगा रहता था। उसकी मां और वे भी लगातार उसका सपोर्ट करते थे। 12वीं के बाद जब कोचिंग ज्वाइन किया तो लगा कि बेटा कुछ करेगा। धीरे-धीरे उसकी मेहनत का परिणाम भी दिखने लगा। पिता अपने होनहार बेटे पर गर्व करते नहीं समां रहे थे, क्योंकि उनका बेटा अब मंजिल पाने के करीब था। जब रिजल्ट निकला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। क्योंकि उसने पहले ही अटेम्प्ट में इग्जाम क्लीयर कर लिया था।

क्लियर की आईआईटी
राहुल ने बताया कि एसएसजी कोचिंग से काफी फायदा मिला। डीएवी बीना की वरिष्ठ टीचर आभा गौतम का काफी योगदान रहा। उन्होंने हर तरह से मेरी मदद किया। वर्ष 2017 में आईआईटी की परीक्षा में 1116वीं रैंक मिली। इस तरह से आईआईटी बीएचयू में दाखिला मिल गया। राहुल ने बताया कि नाना शिवप्रसाद दुबे ने हर पल मेरा हौसला आफजाई करते रहे।