ये कहानी पन्ना निवासी डॉ. शैलेंद्र भदौरिया की है। जिनके पिता बेटे को डॉक्टर बनाने की ख्वाहिश रखने वाले शिक्षक पिता राजेंद्र सिंह भदौरिया के सामने हमेशा धन आड़े आ जाता था। लेकिन, कड़ी मेहनत के चलते पिता के सपने को साकार किया बेटे शैलेंद्र भदौरिया ने।
आईसीसीयू विभाग के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्ष 1997 में एमपी पीएमटी और ऑल इंडिया पीएमटी में सलेक्ट होने वाले जिले के पहले युवा थे। वर्तमान में वे देश के जाने माने एस्कॉर्ट ग्रुप के दिल्ली ओखला स्थित फोर्टिस इंटरनेशनल डिपॉर्टमेंट में आईसीसीयू विभाग के अध्यक्ष हैं। शैलेंद्र हर माह के दूसरे शनिवार को छतरपुर के आकाशवाणी तिराहे पर मरीजों की निशुल्क जांच करते हैं।
मुख्य न्यायाधीश का फैमिली डॉक्टर
शैलेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती और एमडीआरएल स्कूल से हुई। इसके बाद वे पीएमटी की तैयारी करने लगे। वर्ष 1997 में एमपी पीएमटी और ऑल इंडिया पीएमटी में एकसाथ चयनित हुए। ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई से एमबीबीएस की पढ़ाई की। हमीदिया कॉलेज मुंबई से मेडिकल साइंस में ही पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
शैलेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती और एमडीआरएल स्कूल से हुई। इसके बाद वे पीएमटी की तैयारी करने लगे। वर्ष 1997 में एमपी पीएमटी और ऑल इंडिया पीएमटी में एकसाथ चयनित हुए। ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई से एमबीबीएस की पढ़ाई की। हमीदिया कॉलेज मुंबई से मेडिकल साइंस में ही पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
हृदय रोग में विशेषज्ञता हासिल
इसके बाद अमेरिकी यूनिवर्सिटी के हृदय रोग के क्रिटिकल केयर में फैलोशिप पूरी करने के बाद फोर्टिस एस्कॉर्ट ग्रुप से हृदय रोग में विशेषज्ञता हासिल की। वर्तमान में फोर्टिस एस्कॉर्ट ओखला दिल्ली में आईसीसीयू विभाग में प्रमुख हैं। उन्हें पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीआर ठाकुर का फैमिली डॉक्टर तैनात किया गया है।
इसके बाद अमेरिकी यूनिवर्सिटी के हृदय रोग के क्रिटिकल केयर में फैलोशिप पूरी करने के बाद फोर्टिस एस्कॉर्ट ग्रुप से हृदय रोग में विशेषज्ञता हासिल की। वर्तमान में फोर्टिस एस्कॉर्ट ओखला दिल्ली में आईसीसीयू विभाग में प्रमुख हैं। उन्हें पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीआर ठाकुर का फैमिली डॉक्टर तैनात किया गया है।
बचपन से होनहार
बड़े भाई योगेंद्र भदौरिया ने बताया, शैलेंद्र बचपन से ही होनहार था। हमेशा अव्वल नंबरों से पास होता था। पिता राजेंद्र सिंह एक्सीलेंस स्कूल के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं। शैलेंद्र समाजसेवा के काम में भी काफी सक्रिय हैं। वे जिला अस्पताल पन्ना सहित कई स्थानों पर नि:शुल्क जांच शिविर लगा चुके हैं।
बड़े भाई योगेंद्र भदौरिया ने बताया, शैलेंद्र बचपन से ही होनहार था। हमेशा अव्वल नंबरों से पास होता था। पिता राजेंद्र सिंह एक्सीलेंस स्कूल के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं। शैलेंद्र समाजसेवा के काम में भी काफी सक्रिय हैं। वे जिला अस्पताल पन्ना सहित कई स्थानों पर नि:शुल्क जांच शिविर लगा चुके हैं।