
कॉलेज बदलने का दिया विकल्प
सिंगरौली. मनमानी करने वाले निजी कॉलेजों private colleges से अब छात्रों को मुक्ति मिल सकेगी। उच्च शिक्षा विभाग Higher Education Department की ओर से छात्रों को कॉलेज बदलने का एक मौका दिया गया है। यह निर्देश जारी होने के बाद कॉलेज बदलने के लिए छात्रों की ओर से बहुत जल्द आवेदन शुरू कर दिया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग Higher Education Department का यह नियम निजी कॉलेज संचालकों के लिए मुसीबत खड़ा कर दिया है क्योंकि निजी कॉलेजों के संचालक झूठी दिलासा देकर छात्रों का प्रवेश कराया था। जहां छात्रों से मोटी फीस वसूली जा रही थी। इसलिए अब यह मौका छात्र बेकार नहीं जाने देना चाहते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि बिना साधन व सुविधा के डिग्री बांट रहे कॉलेजाें के प्रबंधन की माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। बड़ी मशक्कत से छात्रों को प्रवेश दिलाया गया था। मगर उच्च विभाग का यह निर्देश निजी कॉलेज संचालकों के लिए मुसीबत खड़ा कर दिया। इससे निश्चित ही निजी कॉलेजों से छात्रों की संख्या कम होगी। इधर जिलेभर में मानक को नजरअंदाज कर संचालित हो रहे दर्जनभर कॉलेजों में पांच हजार से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। कॉलेज बदलने के बाद निश्चित तौर पर निजी कॉलेजों में छात्रों की संख्या में भारी कमी आएगी। इसमें ज्यादातर छात्र र्साईं महाविद्यालय ढोंटी, राजीव गांधी कॉलेज बिलौंजी, एनआईसीटी कन्या महाविद्यालय, आईजी कॉलेज, हाईट कॉलेज बरगवां, मायाराम महाविद्यालय मेढ़ौली सहित अन्य कॉलेजों मेें छात्रों की संख्या कम होगी।
निजी कॉलेजों में कई तरह की गंभीर खामियां हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कड़े मापदंड बनाए गए हैं। जिसका पालन शहर सहित ग्रामीण अंचल में संचालित निजी कॉलेज प्रबंधन दरकिनार कर में डालकर मनमानी कर रहे हैं। निजी कॉलेजों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि इनमें मानकों का उल्लंघन हो रहा है। अधिकांश कॉलेजों में शिक्षा के लिए जरूरी ढांचा ही मौजूद नहीं है। फिर भी उन्हें अनुमति मिल जाती है और निर्धारित संख्या से अधिक छात्रों को प्रवेश ले लिया जाता है।
कॉलेज छात्र संख्या
साईं महाविद्यालय ढोंटी विंध्यनगर 1200
राजीव गांधी कॉलेज बिलौंजी 425
एनआईसीटी कन्या महाविद्यालय बिलौंजी 442
आईजी कॉलेज पडै़निया 350
हाईट कॉलेज बरगवां 450
मायराम महाविद्यालय मेढ़ौली 1125
Published on:
12 Oct 2022 03:19 pm
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