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डेढ़ दर्जन से अधिक कार्यों को जारी होगा बजट लेकिन माइनिंग कॉलेज की चर्चा तक नहीं

योजना में वित्तीय अभाव झेल रहे जल प्रदाय व ट्रामा सेंटर शामिल प्रभारी मंत्री की बैठक में फंड से मंजूर हुए एक साथ कई प्रस्ताव

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Water on expectations

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सिंगरौली. जिले में माइनिंग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव फिलहाल ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। निर्माण कार्यों के लिए बजट जारी करने के बावत तैयार की जा रही डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड यानी डीएमएफ की सूची से माइनिंग कॉलेज का नदारद होना कुछ ऐसा ही साबित कर रहा है। बजट के अभाव में अधर में लटके दो प्रस्तावों को शामिल करने के साथ ही डेढ़ दर्जन से अधिक कार्यों के लिए डीएमएफ से बजट जारी करने की योजना है, लेकिन कॉलेज की चर्चा तक नहीं हुई है।
पूर्व में भेजा गया था प्रस्ताव
विकास संबंधित निर्माण कार्यों के बावत डीएमएफ से बजट जारी करने की चल रही तैयारी और सोमवार को डीएमएफ के न्यास मंडल की बैठक में लाए गए प्रस्तावों पर गौर फरमाया जाय तो उसमें माइनिंग कॉलेज की कहीं चर्चा तक नहीं है। कॉलेज को फंड जारी किए जाने की तो बात ही नहीं करिए, जबकि सिंगरौली के विधायक रामलल्लू अपनी सरकार के पिछले दो कार्यकालों से यहां माइनिंग कॉलेज खोलवाने की बात कर रहे हैं। बता दें कि पूर्व में माइनिंग कॉलेज खोलने संबंधित शासन को भेजे गए प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया था कि कॉलेज डीएमएफ से मिले बजट के जरिए ही खोला जाएगा, लेकिन वर्तमान में तैयार हो रहे प्रस्तावों में कॉलेज नदारद है।
कई विकास कार्यों को सहमति
जिला प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो डीएमएफ के जरिए जिले में उन दो बड़े कार्यों के लिए बजट दिया जाएगा, जो धन के अभाव में अधर में लटके हुए हैं। प्रस्ताव में प्रथम वरीयता नगर निगम के जल प्रदाय योजना को दी जाएगी। अधर में लटके योजना को पूरा करने के लिए निगम की ओर से ३५ करोड़ रुपए की मांग की गई है। २५ करोड़ रुपए की स्वीकृति देने के साथ ही बजट जारी करने की तैयारी है। जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री प्रदीप जायसवाल ने भी योजना को पूरा करने के बावत बजट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। दूसरे बड़ा कार्य ट्रामा सेंटर के निर्माण का है। तय योजना के मद्देनजर जिला चिकित्सालय के साथ तैयार हो रहे ट्रामा सेंटर के निर्माण के लिए पहले ही डीएमएफ से सात करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। निर्माण कार्य पूरा किए जाने के बावत करीब १५ करोड़ रुपए और दिए जाने की योजना है। इसको लेकर भी सहमति बन गई है। हालांकि यह प्रस्ताव न्यास मंडल की बैठक में शामिल नहीं रहा है। बाकी डीएमएफ के जरिए अन्य कई दूसरे विकास संबंधित कार्य कराए जाने की सहमति बनी है।
डीएमएफ के बजट से प्रस्तावित हैं ये कार्य
डीएमएफ के न्यास मंडल की बैठक में जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों व कर्मचारियों की व्यवस्था, 10 शववाहन व पांच एंबुलेंस, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवसर के विकास व बाउंड्रीवाल का निर्माण डीएमएफ के बजट से कराए जाने का निर्णय हुआ है। इसके अलावा शासकीय स्कूलों में शिक्षकों के अभाव के मद्देनजर नियुक्त शिक्षा सारथी के मानदेय, विद्यालयों में साफ -सफाई व फर्नीचर की व्यवस्था, शासकीय महाविद्यालयों में बाउंड्रीवाल निर्माण के अलावा पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, महिला एवं बाल कल्याण, सिंचाई, उर्जा व वाटर शेड विकास और गौशाला निर्माण जैसे अन्य कई कार्यों को डीएमएफ के बजट से कराने का प्रस्ताव रखा गया है।