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आबूरोड- मारवाड़ जंक्शन के बीच कब दौड़ेगी 75 साल पुरानी ट्रेन? सांसद ने रेलवे बोर्ड को लिखा पत्र

पांच साल से बंद जयपुर-अहमदाबाद पैसेंजर ट्रेन को जनहित में वापस पटरी पर लाने को लेकर लोग पुरजोर मांग कर रहे हैं।

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सफर हुआ महंगा (Image Source - patrika)

सफर हुआ महंगा (Image Source - patrika)

सिरोही जिले के आबूरोड में पांच साल से बंद जयपुर-अहमदाबाद पैसेंजर ट्रेन को जनहित में वापस पटरी पर लाने को लेकर राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाए जा रहे अभियान से प्रभावित लोग जुड़ते जा रहे हैं। रोड साइड स्टेशनों के रेल उपभोक्ता स्टेशनों पर ज्ञापन सौंपकर पुन: ट्रेन संचालन की पुरजोर मांग कर रहे हैं। अजमेर मंडल की डीआरयूसीसी बैठकों में सदस्य यह मुद्दा कई बार उठा चुके हैं। अन्य मंचों से मांग की जा चुकी है।

करीब चार महीने पहले लोकसभा में ट्रेन चलाने की मांग की थी। जवाब नहीं मिला तो गत दिनों सांसद की ओर से रेलवे बोर्ड को स्मरण पत्र भिजवाया गया, जिसके प्रत्युत्तर का इंतजार किया जा रहा है।

75 साल पुरानी ट्रेन पर मारी कुंडली

कोरोनी महामारी से पहले चल रही करीब 75 साल पुरानी जयपुर-अहमदाबाद पैसेंजर ट्रेन का संचालन महामारी के समय बंद कर दिया। महामारी के बाद रेलवे विभाग अन्य ट्रेनों को पुन: पटरी पर ले आया, लेकिन किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी, गरीब व ग्रामीण रेल उपभोक्ताओं के लिए लाइफ-लाइन मानी जाने वाली इस पैसेंजर ट्रेन पर विभाग ने कुंडली मार ली है। उच्चाधिकारी तकनीकी व अन्य कारण बताकर ट्रेन का पुन: संचालन संभव नहीं होना बता रहे हैं। जिसका खामियाजा मारवाड़ जंक्शन से आबूरोड के बीच करीब 20 रोड साइड स्टेशनों से सैकड़ों की संख्या में जुड़े गांवों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

वर्तमान में साबरमती से जोधपुर तक डीएमयू ट्रेन चलाई जा रही है, जिसका आबूरोड-मारवाड़ जंक्शन के बीच सभी रोड स्टेशनों पर ठहराव होता है। पर, यह ट्रेन दोपहर में गुजरती है, जिसका समय इन रोड साइड स्टेशनों के अधिकांश रेल उपभोक्ताओं के अनुकूल नहीं है। इसलिए वे इस ट्रेन में सफर की बजाय एक्सप्रेस ट्रेंनों, निजी टैक्सी वाहनों व रोडवेज बसों में ज्यादा किराया देकर यात्रा करने को मजबूर हो रहे हैं।

कार्यों के लिए मिलता था 7-8 घंटे का समय

जयपुर-अहमदाबाद पैसेंजर ट्रेन का मारवाड़-आबूरोड के बीच आवागमन डाउन साइड से सुबह और अप साइड से शाम को होता था। जिससे रोड साइड स्टेशनों के रेल उपभोक्ताओं को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन से जुड़े गांवों में सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने व व्यवसाय संबंधी कार्यों के लिए 7-8 घंटे का समय मिल जाया करता था।

इन स्टेशनों पर सौंपे ज्ञापन

रोड साइड स्टेशन मावल, किवरली, भीमाना, सरूपगंज, मोरीबेड़ा, जवाली, सोमेसर के ग्रामीण रेल उपभोक्ता कोरोना में बद पैसेंजर ट्रेन को वापस चलाने के लिए रेलमंत्री, उत्तर-पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक व अजमेर डीआरम के नाम संबंधित स्टेशन अधीक्षक को ज्ञापन सौंप चुके हैं। जिसमें उन्होंने बताया कि ट्रेन बंद रहने से उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

इनका कहना है-

लोकसभा में जयपुर-साबरमती पैसेंजर ट्रेन को पुन: संचालित करने की मांग कर चुका हूं। इस बारे में रेलवे बोर्ड को स्मरण-पत्र भेजा है। इस ट्रेन के संचालन का पूरा प्रयास कर रहा रहा हूं।

-लुंबाराम चौधरी, सांसद, जालोर-सिरोही