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सिरोही.मेहनत असंभव को संभव बना देती है। कठोर परिश्रम मनुष्य का असली धन होता है। जो व्यक्ति कठिन परिश्रम व लगन से कार्य करता है तो सफलता उसके कदम चूमती है। इसी मेहनत के बल पर गुदडी़ के लाल निकलते हैं। कष्ट सहने के बाद ही ऊंचाइयों पर पहुंचा जा सकता है। आत्मविश्वास ही सफलता का मार्ग खोलता है। ऐसा ही कमाल कर दिखाया है जावाल के देवेन्द्र देवासी ने। देवेन्द्र के पिता भेराराम व माता ईकी देवी घुमंतू पशुपालक हैं। अधिकांश समय बाहर ही रहते हैं। इसके बावजूद गरीब परिवार के इस बेटे ने कड़ी मेहनत की और अब डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करेगा। देवेन्द्र यह उपलब्धि हासिल कर सभी के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।
दूसरी बार मिली सफलता
देवेन्द्र बताते हैं कि मेरा शुरू से लक्ष्य चिकित्सक बनने का था। इसके लिए हर समय पढ़ता रहता था। दसवीं तक की पढ़ाई जावाल के आस्था एकेडमी स्कूल की। परिवार की स्थिति सही नहीं होने से निशुल्क पढ़ाई की। इसके बाद 12वीं पास कर नीट की तैयारी की। पहली बार में विफल होने के बाद दूसरी बार जमकर तैयारी की। दूसरी बार में सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि एक बार हारने के बाद निराश नहीं होना चाहिए, बस प्रयास जारी रखने चाहिए। उन्हें सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर मिला है। सफलता पर उसे लोगों ने बधाइयां दीं। देवेंद्र को डॉक्टर बनने के लिए चाचा शिक्षक गणेश देवासी से मार्गदर्शन मिला।
Published on:
30 Nov 2020 11:10 am
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