
sirohi
सिरोही. हर अपराध व घटना पर नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय पर लगाई 'तीसरी आंखÓ अब फूट गई है। यहां समय पर देखरेख नहीं करने के कारण आठ कैमरे पन्द्रह दिन से बंद पड़े हैं। वहीं जितने कैमरे लाइव हो रहे हैं, उनमें घटनाक्रम या वारदात होना तो दिख जाता है, लेकिन कैमरों को सही स्थान पर नहीं लगने के कारण कई बार अपराधी की शक्ल पहचान पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सरकार की ओर से अभय कमाण्ड योजना पर कमाण्ड अधूरा दिखाई देता है।
बंद कैमरों के कारण कई बार चोर, अपराधी या दुर्घटना के आरोपियों की पुलिस पहचान ही नहीं कर पाती है। इसका फायदा उठाकर अपराधी फरार हो जाते हैं। फिर बंद कैमरों की सार संभाल समय पर नहीं करने के कारण लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी आमजन तथा सामान की सुरक्षा भगवान भरोसे है।
ये है कारण
जिला मुख्यालय पर ज्यादातर स्थानों पर कैमरे लगाने के बाद इसकी सार संभाल नहीं की जा रही है।टांकरिया क्षेत्र में केबल कटने के कारण करीब १५ दिन से कैमरे बंद पड़े हैं। ऐसे में यहां से गुजरने वाले वाहन तथा अन्य अपराधियों पर नजर रखना टेड़ी खीर साबित हो सकता है।
साल भर पहले शुरू अभय कमाण्ड सेंटर
अभय कमाण्ड सेंटर स्थापित हुए एक साल हो गया। शहर में अब तक ८० खम्भों पर १२० कैमरे लगाए गए हैं। इसमें से ७० लाइव चल रहे हैं। बंद कैमरों को समय पर शुरू नहीं करने के कारण पुलिस आपराधिक गतिविधियों के सबूत नहीं जुट पाती।
यह था मकसद
स्मार्ट पुलिसिंग व्यवस्था लागू करने के लिए उच्च तकनीक से लैस अत्याधुनिक अभय कमाण्ड सेंटर स्थापित किए गए। इनका उद्देश्य आमजन को सुरक्षित वातावरण देना था। जिला मुख्यालयों को चरणबद्ध रूप से कमाण्ड सेंटर से जोड़ा गया। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से संचालित इस कमाण्ड सेंटर के माध्यम से पुलिस हाई क्वालिटी वीडियो कैप्चरिंग, वीडियो सर्विलांस, कॉल रिकॉर्डिंग, वाहन ट्रेकिंग, अपराध स्थल की मॉनिटरिंग आदि का दावा किया गया पर योजना प्रभावी मॉनिटरिंग के अभाव में दम तोड़ती नजर आ रही है।
Published on:
30 Aug 2019 09:24 am
बड़ी खबरें
View Allसिरोही
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
