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महज खानापूर्ति साबित हुई बाजार में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

पालिका ने मुख्य बाजार से अस्थाई अतिक्रमण हटवाने के बावजूद कई व्यापारी सड़क पर सामान सजाने की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में राहगीरों की समस्या जस की तस बनी हुई है। पालिका का अभियान भी महज औपचारिकता बनकर रह गया है।

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Amar Singh Rao

Jul 05, 2017

महज खानापूर्ति साबित हुई बाजार में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

महज खानापूर्ति साबित हुई बाजार में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

पालिका ने मुख्य बाजार से अस्थाई अतिक्रमण हटवाने के बावजूद कई व्यापारी सड़क पर सामान सजाने की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में राहगीरों की समस्या जस की तस बनी हुई है। पालिका का अभियान भी महज औपचारिकता बनकर रह गया है। गौरतलब है कि गत 23 जून को अतिक्रमण हटाओ दस्ते ने पुलिस की मौजूदगी में बाजार से अस्थाई अतिक्रमण हटवाए थे। कार्रवाई के दौरान पालिका कर्मचारियों को विरोध का भी सामना करना पड़ा था। इसके बाद एक-दो दिन तक कार्रवाई का फॉलो-अप किया गया। कुछ व्यापारियों के पुन: अतिक्रमण करने पर जुर्माना भी लगाया गया, पर मौजूदा स्थिति की बात करें तो बाजार में अस्थाई अतिक्रमण की समस्या ज्यों की त्यों हैं। कुछ व्यापारियों ने पुन: माल-सामान सड़़क पर रख दिया हैं। पहले की तरह ही दुकानों के आगे ठेले लग रहे हैं। इससे सड़क संकरी होने से राहगीरों व वाहनचालकों को आवाजाही में परेशानी झेलनी पड़ रही है।
लाइनिंग करवाएं तो हो सकता है सुधार
करीब एक दशक पूर्व नगरपालिका ने बाजार में लाइनिंग करवाकर व्यापारियों को उस लाइन से बाहर सामान नहीं रखने की सख्त हिदायत दी थी। इससे समस्या का कुछ हद तक कमी आई थी, पर उसके बाद फिर से स्थिति जस की तस हो गई थी। रफ्ता-रफ्ता वह लाइन भी मिट गई। हाल ही में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान भी कर्मचारियों व व्यापारियों के बीच कहासुनी हो गई थी। ऐसी स्थिति में यदि फिर से लक्ष्मण रेखा बनाकर व्यापारियों को उससे बाहर सामान नहीं सजाने की सख्त हिदायत देने पर समस्या का कुछ हद तक तो समाधान हो ही सकता है।
आड़े-तिरछे वाहन बन रहे परेशानी का सबब
मुख्य बाजार में कहीं भी पार्किंग की सुविधा नहीं होने से अधिकतर दुपहिया वाहन सड़क पर आड़े तिरछे पार्क कर दिए जाते हैं। शहर में रेलवे स्टेशन को छोड़कर कहीं भी पार्किंग की पुख्ता व्यवस्था नहीं है। बाजार में खरीदारी के लिए आने वाले लोग अपना वाहन या तो सड़क किनारे या फिर गलियों में पार्क कर देते हैं। इससे अन्य वाहन चालकों व राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार दुपहिया वाहन चालकों के सड़क किनारे खड़े वाहनों के कारण असंतुलित होकर गिरने की आशंका बनी रहती है। पालिका प्रशासन ने शहर में पार्किंग की व्यवस्था मुहैया करवाने के लिए योजनाएं तो बना रखी है, पर धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इन्होंने बताया ...
बार-बार पाबंद करने के बावजूद यदि कोई व्यापारी पुन: सड़क सीमा में अतिक्रमण करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पार्किंग की सुविधा के लिए पुराना नगरपालिका भवन व पुराना न्यायालय भवन चिह्नित किया गया है। सक्षम स्तर पर स्वीकृति मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- सुरेश सिंदल, पालिकाध्यक्ष, आबूरोड।

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