–कलेक्टर पद की धौंस दिखा कर टोल प्लाजा मैनेजर को बिना गलती गिरफ्तार कराने से आए थे विवादों में
सिरोही। स्पेशल सर्विस के कोटे से आईएएस बने बाबूलाल मीणा से सरकार ने तीन माह से भी कम समय में सिरोही कलेक्टर का पद छीन लिया है। इससे पहले उन्हें झुंझूनू में चार माह में कलेक्टर पद से हटाया था। जिले में बतौर कलेक्टर अपने पद का रौब दिखा कर बेटे के कहने से टोल प्लाजा मैनेजर को बिना गलती गिरफ्तार कराने से विवादों में आए थे। कांग्रेस के प्रदर्शन में भी अपनी हठधर्मिता के कारण सरकार की फजीहत कराई थी। सरकार ने उन्हें सचिवालय भेज कर उनकी जगह फ्रेश आईएएस को जिले की कमान सौंपी है। सोमवार को सिरोही जिला कलक्टर बाबूलाल मीणा का स्थानांतरण कर दिया गया। इनका स्थान श्रीमती अनुपमा जोरवाल लेंगी। बाबूलाल मीणा संभवतः सिरोही के इतिहास के सबसे कम समय के जिला कलक्टर होंगे।
जिला कलक्टर कार्यालय पर 19 जुलाई को जिस तरह से कलक्टर की हठधर्मिता के कारण एक साधारण पैदल मार्च को संयम लोढ़ा ने सरकार और प्रशासन के भ्रष्टाचार उघाड़ने का मंच बना दिया था, उसी समय सरकार द्वारा जिला कलक्टर पर कार्रवाई की आशंका प्रतीत होने लगी थी।
राज्य सरकार द्वारा शनिवार को जारी आईएएस के स्थानांतरण सूची में जिला कलक्टर बाबूलाल मीणा का स्थानांतरण नहीं होने पर लोगों ने आश्चर्य भी जताया, इस आश्चर्य को सरकार ने सोमवार सवेरे दूर कर दिया। कार्मिक विभाग द्वारा सोमवार सवेरे जारी स्थानांतरण सूची में जो एकमात्र जिला कलक्टर बदले गए हैं, इनमें सिरोही जिला कलक्टर बाबूलाल मीणा ही हैं।
इनके स्थान पर संयुक्त शासन सचिव अनुपमा जोरवाल को सिरोही का जिला कलक्टर बनाया गया है। बाबूलाल मीणा को संयुक्त शासन सचिव द्वितीय, जनस्वास्थ्य अधिकारी के पद पर स्थानांतरित किया गया है।
मनोविज्ञान में स्नातक जयपुर की मूल निवासी श्रीमती अनुपमा जोरवाल 2011 के बैच की आईएएस अधिकारी हैं। सिरोही जिले में नीलकमल दरबारी के बाद पहली महिला जिला कलक्टर बताई जा रही हैं। श्रीमती जोरवाल प्रशिक्षण के बाद 2012-13 में अलवर की प्रशिक्षु आईएएस के तौर पर अलवर की सहायक कलक्टर के तौर पर काम किया है।
इसके अलावा बीकानेर और जयपुर में उपखण्ड अधिकारी के पद पर भी वे कार्यरत रही हैं। 2016 और 2017 में वह क्रमशः बांसवाड़ा और जैसलमेर की जिला कलक्टर भी रही हैं।