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विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का तैयार हो रहा डाटा

15 अगस्त तक छह संदर्भ शिक्षक करेंगे सर्वे

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पोर्टल पर दर्ज होगी सूचनाएं
सिरोही. जिले में १ से १२वीं तक अध्ययनरत व ड्राप आउट सभी विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोडऩे के लिए शिक्षा विभाग व राजस्थान स्कूली शिक्षा परिषद की ओर से चिह्नीकरण का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य १५ अगस्त तक चलेगा। इसके लिए जिलेभर में छह संदर्भशिक्षक लगे हुए हैं। रेवदर ब्लॉक में केवल दो संदर्भ शिक्षक हैं। अन्य ब्लॉकों में एक-एक संदर्भ शिक्षक कार्यरत है। संदर्भ शिक्षक विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का पता कर घर जाते हैं और शिक्षा विभाग की योजना की जानकारी देकर स्कूल में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ४० प्रतिशत से अधिक व गंभीर विकलांगता होने पर स्कूल से घर तक आवाजाही के लिए ५०० रुपए परिवहन भत्ता भी दिया जा रहा है।
पिछले साल करीब १३५० विशेष आवश्यकता वोले बच्चों का चिह्नीकरण किया था। इसमें से ७५० बच्चों का डाटा पोर्टल पर दर्ज है। शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस साल इससे भी ज्यादा बच्चों के चयन का लक्ष्य है। विकलांगता की श्रेणी १० से बढ़ाकर २१ कर दी हैं। ऐसे में सभी विशेष आवश्यकता वाले बच्चे इ-मित्र पर जाकर पंजीयन करवा सकते हैं। प्रमाण पत्र मिलने पर सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। जनसंख्या के अनुपात में करीब दो प्रतिशत बच्चे विशेष आवश्यकता की श्रेणी में हैं। ऐसे में इन बच्चों की डाइस फीडिंग की जाएगी। इसी आधार पर विशेष बच्चों का डाटा तैयार होगा।
२१ श्रेणियों में चिह्नीकरण
जिले में कक्षा १ से १२वीं में अध्ययनरत आउट ऑफ स्कूल व ड्राप आउट सभी विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों का १५ अगस्त तक २१ तरह की श्रेणियों में चिह्नीकरण किया जाएगा। इसके बाद स्कूलवार व श्रेणीवार सूचना तैयार की जाएगी। इसके आधार पर विशेष शिक्षक, किताबें व अन्य सुविधाओं में वृद्धि को लेकर कार्य योजना तैयार की जाएगी।
&जिले के पांचों ब्लॉकों में संदर्भ शिक्षक लगे हुए हैं। घर-घर जाकर बच्चों से सम्पर्क कर जानकारी एकत्र कर रहे हैं।
- सुनील कुमार गुप्ता, सहायक परियोजना समन्वयक, प्रभारी आइइडी, सिरोही