
लाडूदेवी हत्याकांड: पुलिस ने युवक को मर्डर केस में झूंठा फंसाकर किया टॉर्चर, थाने में मामला दर्ज
Case registered against police station officer in Sirohi's Ladudevi murder caseसिरोही/जावाल. सिरोही जिले के बरलूट थाना क्षेत्र के झाड़ोलीवीर गांव में करीब साढे चार साल पूर्व बुजुर्ग महिला लाडूदेवी हत्याकांड केस में फंसाए गए पीडि़त युवक ने तत्कालीन थानाधिकारी के खिलाफ बरलूट थाने में मामला दर्ज कराया है। पीडि़त युवक झाड़ोली वीर निवासी लखमाराम पुत्र हमीराराम रेबारी ने उस पर हत्या का झूठा मुकदमा दर्ज कर फंसाने और गिरफ्तार कर थाने में उस पर अत्याचार करने का तत्कालीन थानाधिकारी बरलूट बाबूलाल राणा व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
झाड़ोलीवीर निवासी लखमाराम पुत्र हमीराराम ने रिपोर्ट देकर बताया कि करीब चार-पांच साल पहले उसके गांव निवासी नाथाराम पुत्र गणेशा रेबारी की मां लाडूदेवी की किसी ने हत्या कर दी थी। इस मामले में मृतका लाडूदेवी के पुत्र नाथाराम ने उसके खिलाफ हत्या का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। उस समय थाने के तत्कालीन थानाधिकारी बाबूलाल राणा उसे पकडकऱ बरलूट थाना ले आए और उसके साथ तीन दिन तक लगातार मारपीट कर जोर जबरदस्ती से लाडूदेवी की हत्या करने की हामी भरवाई। आरोप है कि उस निर्दोष को झूठे मुकदमे में आरोपी ठहराकर करीब पंद्रह दिन तक थाने में रखा, उसके बाद उसे जेल भेज दिया।
दूसरा पीडि़त घटना के दौरान जेल में बंद था
प्रार्थी लखमराम ने बताया कि जेल में उसे गेमाराम गरासिया मिला। उसने भी पुलिस की ओर से इसी मुकदमें में झूंठा फसाने की बात कही। उसने बताया कि यह घटना हुई तब वह बाली जेल में बंद था। उसने बताया कि झूठे मुकदमे में वह कई साल तक जेल में बंद रहा। इससे उसे सामाजिक, आ र्थिक, मानसिक व शारीरिक नुकसान हुआ। मारपीट करने से शारीरिक रूप से कमजोर होने से वह बीमार रहने लगा है। उसने थाना धिकारी के खिलाफ हत्या के केस में झूंठा फंसाने, मारपीट कर अत्याचार करने और भय दिखाकर झूठे कागजात तैयार कर निर्दोष होने के बावजूद गलत फंसाने का मामला दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार की है।
विधायक संयम लोढा विधानसभा में तीन बार उठा चुके मामला
उल्लेखनीय है कि झाड़ोलीवीर गांव निवासी बुजुर्ग महिला लाडूदेवी की 24 मई, 2018 को किसी ने हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में निर्दोष फंसाए गए दो युवकों झाडोलीवीर निवासी लखमाराम पुत्र हमीराराम और भीमाणा पाली निवासी गेमाराम गरासिया कई साल तक जेल में बंद रहे हैं। सीएम सलाहकार विधायक संयम लोढा यह मामला तीन बार विधानसभा में जोरशोर से उठा चुके। विधायक ने सर्वप्रथम 2018 को यह मामला विधानसभा में उठाया तो दोनाें निर्दोष युवक जेल से बाहर आए और उन्होंने खुली हवा में सांस ली। विधायक की ओर से विधानसभा में मामला उठाने के बाद सरकार ने एसओजी से जांच कराई। जांच में निर्दोष साबित पाए जाने पर सरकार की ओर से दाेनों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि भी दी गई है।
विधायक बोले, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हो कार्रवाई
इसके हाल ही विधानसभा सत्र में भी विधायक लोढ़ा ने फिर से इसी लाडूदेवी हत्याकांड में निर्दोष फंसे गेमलाराम गरासिया का मामला उठाते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का मुददा उठाया था। सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाते हुए जेल मंत्री से पूरक प्रश्न पूछा था कि जेल के निरीक्षण के दौरान जेल में बंद गेमलाराम गरासिया ने मंत्री को बताया था कि लाडूदेवी देवासी की हत्याकांड में उसे झूठा फंसाया गया है। जब हत्या हुई थी तब वह बाली जेल में बंद था और बाली जेलर से लिखित में सूचना आने के बाद सच्चाई सामने भी आ गई एवं उसके बाद डीआईजी पुलिस की जांच में प्रमाणित होने के बाद भी दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने में मामले में क्या कार्रवाई हुई है। उनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए।
Published on:
14 Mar 2023 11:07 pm
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