बच्चों में नेतृत्व क्षमता का होगा विकास स्कूली बच्चों को शतरंज खिलाने का निर्णय उनके मस्तिष्क के समुचित विकास के लिए लिया गया है। इतना ही नहीं सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक बच्चे ग्रैंड मास्टर बने। टीवी, मोबाइल और वीडियो गेम के जाल में फंसते जा रहे बच्चों का मानसिक विकास के लिए और विद्यार्थियों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
ये हैं मुख्य उद्देश्य… – ऑनलाइन गेम से बच्चों की दूरी बनाना – शतरंज के माध्यम से बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत करना – शतरंज की चालों से नेतृत्व क्षमता का गुण विकसित करना
– बच्चों को शह. मात के खेल में पारंगत करना इन्होंने बताया नो बैड डे के तहत हर माह के तीसरे शनिवार को शतरंज की गतिविधियां होगी। जिससे बच्चों में मानसिक एवं नेतृत्व क्षमता का विकास होगा।
– मांगीलाल गर्ग, एडीपीसी, समग्र शिक्षा विभाग, सिरोही