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कोरोना का कहर: मां के अंतिम संस्कार में वीडियो कॉल से शामिल हुए बड़ा बेटा व दो बेटियां

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में चल रहे लॉक डाउन के चलते डीसा (बनासकांठा- गुजरात) में एक वृद्ध महिला की मृत्यु पर उसके अंतिम दर्शन और दाह संस्कार में उसकी दो बेटियां और एक पुत्र शामिल नहीं हो पाए।

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coronavirus: son, two daughter joined in video call at mother funeral

पिंडवाड़ा (सिरोही)। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में चल रहे लॉक डाउन के चलते डीसा (बनासकांठा- गुजरात) में एक वृद्ध महिला की मृत्यु पर उसके अंतिम दर्शन और दाह संस्कार में उसकी दो बेटियां और एक पुत्र शामिल नहीं हो पाए। महिला की दो बेटियों का सिरोही जिले में ससुराल हैं। जिस महिला की मृत्यु हुई है उसकी एक पुत्री पिंडवाड़ा व दूसरी सरूपगंज में रहती हैं। महिला का ज्येष्ठ पुत्र जोधपुर में रहते हैं। तीनों को अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ग्रुप वीडियो कॉल से जोड़ा गया और भावुक माहौल में मोबाइल पर ही अंतिम संस्कार को आंखों से देखा।

गुजरात के डीसा शहर में शांताबेन पत्नी भंवरलाल मेढ सोनी का सोमवार को निधन हो गया था। सभी रिश्तेदारों को निधन के समाचार कर दिए थे। लेकिन राजस्थान में निवासरत मृतका का ज्येष्ठ पुत्र व दोनों पुत्रियां लॉकडाउन होने व राज्य की सीमा सील होने के कारण काफी प्रयास के बावजूद डीसा पहुंच नहीं पा रहे थे।

महिला की बड़ी पुत्री गायत्री देवी पत्नी सुरेन्द्रलाल सोनी सरूपगंज में, छोटी बेटी रेखादेवी पत्नी मनोजकुमार सोनी पिंडवाड़ा में और ज्येष्ठ पुत्र जगदीशकुमार पुत्र भंवरलाल मेढ़ सोनी जोधपुर में रहते हैं। लॉक डाउन के चलते तीनों का डीसा पहुंचना मुश्किल लग रहा था। महिला के पति भंवरलाल व उनका छोटा पुत्र प्रवीणकुमार दोनों डीसा में ही थे।

अंतिम संस्कार रस्म में बीस से ज्यादा लोगों के जाने की अनुमति नहीं होने से डीसा नगर पालिका से मोक्ष रथ में शव रखवाकर मुक्तिधाम तक ले जाया गया। राजस्थान में रह रही दोनों पुत्रियों व पुत्र को डीसा से ग्रुप वीडियो कालिंग कर तीनों को अंतिम दर्शन करवाए। शव को शमशान घाट तक ले जाने व उनके दाह संस्कार होने तक तीनों ही अपने परिवार के साथ वीडियो कॉल से भावुक होकर देखते हुए शामिल हुए।

रोते-बिलखते रहे तीनों
मां की आक्समिक मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के समय तीनों को ग्रुप वीडियो कॉलिंग कर जोड़ा गया। तीनों व इनके परिजन रोते बिलखते भावुक होकर वीडियो कॉलिंग पर सब कुछ देखते रहे। दोनो पुत्रियों व पुत्र के इस दुख की घड़ी में रूबरू नहीं जाने का मलाल ताजिंदगी रहेगा। वीडियो कॉलिंग की नई तकनीक से अप्रत्यक्ष रूप में शामिल हो पाए।