
दुर्घटना में डिस्कॉमकर्मी लाखन हो गए थे दिव्यांग, पैरा स्विङ्क्षमग 50 मीटर फ्री स्टाइल में जीता गोल्ड
आबूरोड. जीवन में कठिनाइयों के आगे हार नहीं मानने वाले को सफलता अवश्य मिलती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आबूरोड से डिस्कॉम में कार्यरत कार्मिक लाखन ङ्क्षसह ने। कार्य के दौरान एक दुर्घटना में गम्भीर घायल होने के चलते कार्य करने में अक्षम होने के बावजूद लाखनङ्क्षसह ने हार नहीं मानते हुए पैरालम्पिक खेलों की तैयारी जारी रखी। मेहनत, लगन व दैनिक अभ्यास के चलते राष्ट्रीय पैरा स्विङ्क्षमग चेम्पियनशिप में 50 मीटर फ्री स्टाइल स्वङ्क्षमग श्रेणी में गोल्ड मेडल हासिल कर सभी के लिए मिसाल कायम की है। डिस्कॉम में आबूरोड ग्रामीण क्षेत्र में लाइनमैन के रूप में कार्य के दौरान लाखनङ्क्षसह 11 जनवरी 2014 को 11 केवी विद्युत लाइन पर फॉल्ट सुधारने का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान दुर्घटना होने पर लाखन ङ्क्षसह का दाहिना हाथ जल गया था व रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी। जिसके कारण वह दिव्यांग हो गए थे। चलने फिरने मे असमर्थ होने से हमेशा व्हीलचेयर पर ही रहते थे, इसके बावजूद हार नहीं मानते हुए शारीरिक कमजोरी को दरकिनार कर लगातार मेहनत कर अपनी काबिलियत को निखारा। लाखन ने कोच दीनदयाल राजाबत के मार्गदर्शन में सर्वाई मानङ्क्षसह स्टेडियम में तैयारी पूरी की। जिसके शनिवार को पैरा ओलम्पिक ऑफ इंडिया व नारायण सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय पैरा स्विङ्क्षमग चैम्पियनशिप में भाग लेते हुए लाखन ङ्क्षसह ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 50 मीटर फ्री स्टाइल तैराकी में प्रथम स्थान हासिल कर एस-4 कैटेगरी में गोल्ड मैडल हासिल किया। लाखन ङ्क्षसह ने बताया कि शारीरिक कमजोरी को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया। दैनिक अभ्यास के साथ तैयारी जारी रखी।
Published on:
28 Mar 2022 12:14 am
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