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सिरोही

एनपीए के नाम पर चिकित्सक सरकारी मलाई जीम रहे, मरीजों से भी वसूल रहे फीस

सरकारी अस्पतालों में कार्यरत कई चिकित्सक नॉन प्रैक्टिस अलाउंस उठाने के बाद भी घरों में क्लिनिक-अस्पताल संचालित कर मरीजों से भारी भरकम फीस वसूल रहे हैं।

सिरोहीMay 19, 2024 / 05:18 pm

Satya

राजस्थान में चिकित्सक एनपीए लेने के बाद भी कर रहे निजी प्रैक्टिस

Government Hospital

सरकारी अस्पतालों में कार्यरत कई चिकित्सक नॉन प्रैक्टिस अलाउंस उठाने के बाद भी घरों में चला रहे क्लिनिक-अस्पताल

सिरोही। राजकीय चिकित्सालयों में काम करने वाले चिकित्सकों को सरकार की ओर से मरीजों का उपचार करने के नाम पर वेतन दिया जाता है। इसके अलावा वे चिकित्सक, जो निजी प्रैक्टिस नहीं करना चाहते, उन्हें नोन प्रैक्टिस अलाउंस के नाम पर भत्ता दिया जाता है। वह इसलिए कि वे अस्पताल समय के पश्चात अपने घर पर मरीजों की जांच करेंगे तो उनसे किसी प्रकार से फीस के रूप में राशि नहीं वसूलेंगे। बावजूद इसके चिकित्सक घर पर जांच के दौरान मरीजों की जेब पर डाका डालने से नहीं चूक रहे है।
कई चिकित्सक तो ऐसे है, जिन्होंने अंधी कमाई के लिए अपने घर अथवा क्लिनिक पर बिना किसी अनुमति के मेडीकल स्टोर्स तक खोल रखे हैं। जनता है कि जागरुकता के अभाव में चिकित्सक के घर पर उपचार करवाकर ठगी जा रही है। सरकार व चिकित्सा विभाग की ओर से इस प्रकार के चिकित्सकों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से राजकीय चिकित्सालयों में काम करने वाले चिकित्सकों को एनपीए के नाम पर अतिरिक्त अलाउंस दिया जाता है। इसका तात्पर्य यह है कि वे चिकित्सालय समय के अलावा समय में किसी प्रकार की प्रेक्टिस नहीं करेंगे और यदि किसी मरीज की जांच करेंगे तो उससे फीस के रूप में किसी प्रकार की राशि नहीं वसूली जाएगी। विडम्बना है कि इस अलाउंस को उठाने के बाद भी कई चिकित्सकों ने अपने घरों पर क्लिनिक खोल रखे हैं और वहां प्रैक्टिस कर मरीजों से दो सौ से तीन सौ रूपए फीस के रूप में वसूल रहे है।
शिवगंज के जिला अस्पताल में कार्यरत अधिकांश चिकित्सक सरकार से नोन प्रैक्टिस अलाउंस उठाने के बावजूद अस्पताल समय के बाद अपने घर अथवा क्लिनिक पर बैठकर मरीजों की जांच कर रोजाना हजारों रूपए कमा रहे है। इसके बावजूद चिकित्सा महकमा की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
यह चिकित्सक उठा रहे है नोन प्रैक्टिस अलाउंस

राजकीय जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की ओर से 27 मार्च 2024 को निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर को नोन प्रैक्टिस अलाउंस प्राप्त करने वाले चिकित्सकों की जो सूची भेजी है। उसके अनुसार स्वयं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ गोपालसिंह, डॉ अखिलेश पुरोहित, डॉ मानकचंद जैन, डॉ जगदीश प्रसाद शर्मा, डॉ वीणा रानी, डॉ शैतान कुमार, डॉ विजयसिंह रावत, डॉ अनुपमलता जाखलिया, डॉ पुष्पा मीना, डॉ मनीषा चौधरी, डॉ मुकेश कुमार, डॉ चन्द्रेश लोहार, डॉ रिजवान अहमद, डॉ लक्ष्मणसिंह, डॉ हर्षवर्धन सिंह, डॉ भावेश शर्मा एवं डॉ चंदनसिंह नोन प्रैक्टिस अलाउंस उठा रहे है। इनमें से कई चिकित्सक सरकार से अलाउंस के रूप में राशि प्राप्त करने के बाद भी निरंतर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं। इतना ही नहीं इनमें से कुछ तो अपने घर अथवा क्लिनिक पर मेडीकल स्टोर्स तक चला रहे हैं। एक चिकित्सक तो एनपीए उठाने के बावजूद अपना निजी अस्पताल तक चला रहे हैं।
क्या कहता है एनपीए को लेकर नियम

नियमानुसार प्रत्येक चिकित्सालय में एक नोटिस बोर्ड पर नोन प्रैक्टिस अलाउंस उठाने वाले और निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों के नाम चस्पा करने होते हैं। यह अतिआवश्यक होता है, लेकिन शिवगंज के जिला चिकित्सालय में इस प्रकार को काई बोर्ड चस्पा नहीं किया जाकर सरकार और जनता को धोखा दिया जा रहा है। जो चिकित्सक एनपीए उठा रहे हैं, उनको अपने मकान के बाहर भी एक बोर्ड चस्पा करना होता है, जिसमें यह इन्द्राज करना आवश्यक होता है कि वे राज्य सरकार से नोन प्रैक्टिस अलाउंस उठा रहे हैं और मरीजों की जांच नि:शुल्क की जाएगी, लेकिन शिवगंज अस्पताल से एनपीए उठाने वाले किसी चिकित्सक के घर के बाहर इस तरह का कोई बोर्ड नजर नहीं आता।
जागरुकता के अभाव में मरीजों की जेब पर डाका

सरकार की ओर से चिकित्सक को उसके वेतन की करीब बीस प्रतिशत राशि एनपीए के रूप में दी जाती है। वह इसलिए कि यदि वे किसी मरीज की अस्पताल समय के बाद जांच भी करें तो उससे किसी प्रकार की फीस नहीं वसूलें। लेकिन जागरुकता के अभाव में शिक्षित वर्ग के लोग भी इस पर आक्षेप उठाने के बजाय उन्हें फीस थमा आते है। चिकित्सालयों में अलाउंस से संबंधित बोर्ड चस्पा नहीं होने पर संबंधित जिम्मेदार के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए।
इनका कहना है-

राजकीय चिकित्सालयों में यदि नोन प्रैक्टिस अलाउंस प्राप्त करने वाले चिकित्सकों की सूचना प्रदर्शित नहीं की हुई है तो वहां इस प्रकार के बोर्ड चस्पा करवाए जाएंगे। साथ ही यदि कोई चिकित्सक नोन प्रैक्टिस अलाउंस उठाने के बाद भी फीस वसूल रहे हैं तो ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। नोन प्रैक्टिस अलाउंस प्राप्त करने के जो नियम है, उनकी पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी।
डॉ राजेश कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिरोही

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