24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

VIDEO : सिरोही के किशोर गृह से भागे पांच बाल अपचारी दरबारी खेड़ा के मंदिर में मिले

गार्ड की आंखों में मिर्च पाउडर डालकर फरार होने का मामला

2 min read
Google source verification
sirohi patrika

sirohi

सिरोही. राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह से तीन दिन पहले रात को गार्ड की आंखों में मिर्च पाउडर डालकर फरार हुए छह बाल अपचारियों में से पांच को बुधवार तड़के अनादरा के पास दरबारी खेड़ा स्थित एक मंदिर से पकड़ लिया गया। विधि से संघर्षरत इन बालकों को रेस्क्यू कर किशोर गृह लाया गया जबकि एक बालक को बीती रात ही उसके पिता थाने ले आए थे। पुलिस के अनुसार सूचना मिली थी कि पांच बालक अनादरा के निकट दरबारी खेड़ा गांव में मूल सड़क मार्ग से दो किलोमीटर दूर जंगल में एक मंदिर में हैं। इसके बाद एक टीम का गठन किया गया। इसमें परिवीक्षा एवं कारागृह कल्याण अधिकारी भंवरसिंह, सम्प्रेक्षण गृह के अधीक्षक बाबूलाल गरासिया, केयर टेकर किरण कुमार, सुरक्षाकर्मी किशोर कुमार तथा वीरेन्द्र को शामिल किया गया। अनादरा थाने की पुलिस को भी साथ लिया गया। टीम ने तड़के चार बजे रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित पकड़ लिया और फिर उन्हें लेकर सिरोही के कोतवाली थाने पहुंचे। यहां व्यवस्था नहीं होने से संप्रेक्षण गृह में ले गए जहां सभी बालकों को आश्रय के लिए किशोर गृह में अस्थाई रूप से प्रवेश दिया। सवेरे न्यायालय में पेश किया जहां उन्हें संप्रेक्षण गृह भेजा।
एक को पहले लाए
विधि से संघर्षरत छह बालक २८ जुलाई की रात को संप्रेक्षण गृह से फरार हो गए थे, उनमें से मंगलवार को एक बालक को उनके पिता स्वयं छोडऩे आए तथा शेष पांच बुधवार तड़के मंदिर में मिले। पुलिस अधीक्षक कल्याणमल
मीना ने बताया कि बालकों की तलाश के लिए उप अधीक्षक ओमकुमार, कोतवाली थाना प्रभारी बुद्धाराम बिश्नोई के नेतृत्व में टीम गठित की थी।
अधीक्षक बोले- बरी होने के लिए भागे थे
सिरोही. राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह के अधीक्षक बाबूलाल गरासिया ने विधि से संघर्षरत बालकों के हवाले से अलग ही खुलासा किया है। गरासिया ने कहा कि बालकों से जब पलायन की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि पहले भी पलायन किए एक बालक को अदालत ने बरी कर दिया था, इसलिए हम भी भागे, ताकि हमें भी बरी कर दिया जाए।
सुधार के लिए
ध्यान नहीं
किशोर गृह से विधि से संघर्षरत बालकों के फरार होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी दो बार बालक भागे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों ने व्यवस्था सुधार को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया और तीसरी घटना हुई।
जिम्मेदारों पर
कार्रवाई नहीं
सम्प्रेक्षण गृह में सुरक्षा में लापरवाही को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि बच्चों को एक कमरे में रखा जाता है तो उनके पास मिर्च पाउडर कहां से आया..? ंमौके पर सरिया और स्टूल कैसे उपलब्ध हुए? गृह के जिम्मेदार अधीक्षक बाबूलाल गरासिया घटना के वक्त कहां थे? जिम्मेदारों पर क्यों कोई कार्रवाई नहीं हो रही? कहीं इसलिए तो बचाने का प्रयास नहीं किया जा रहा कि सम्प्रेक्षण गृह के अधीक्षक पूर्व विधायक गंगाबेन गरासिया के पति हैं?