आसपास दोयतरा उप स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन रात्रि में सुविधा उपलब्ध नहीं होने से ग्रामीणों को इमरजेंसी होने पर या तो आबूरोड अस्पताल आना पड़ता है या फिर सरूपगंज अस्पताल आना पड़ता है। जानकारी के अनुसार 14 अक्टूबर की देर रात्रि सातखेजड़ा निवासी सोकली कुमारी पुत्री धनाराम गरासिया की हालत गम्भीर हो गई। परिजनों ने उसे पगडंडी मार्ग से अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन घर पर ही उसने दम तोड़ दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि डामरीकरण सड़क की काफी समय से ग्रामीण मांग कर रहे है, लेकिन अब तक सड़क नहीं बन पाई है। आसपास में अस्पताल की सुविधा नहीं होने से समय पर उपचार भी नहीं मिल पाता है। सातखेजड़ा में इमरजेंसी होने पर 108 या निजी वाहन पहुंचने की भी सुविधा नहीं है।