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सिरोही

कड़ाके की सर्दी में भगवान को लगी ठंड तो पहने गर्म वस्त्र, जला रहे अंगीठी

तेज सर्दी से लोगों की बदली दिनचर्या तो मंदिरों में भी भगवान का बदला पहनावा व सेवा पूजा का समय

सिरोहीDec 25, 2022 / 04:56 pm

Satya

कड़ाके की सर्दी में भगवान को लगी ठंड तो पहने गर्म वस्त्र, जला रहे अंगीठी

कड़ाके की सर्दी में भगवान को लगी ठंड तो पहने गर्म वस्त्र, जला रहे अंगीठी

God felt cold in the cold winter, wearing warm clothes, burning fireसिरोही. प्रदेश में शीतलहर चलते से ठिठुरन बढ़ गई है। इससे पिछले दो-तीन दिन से जिलेभर में लोगों की दिनचर्या बदल गई है। माउंट आबू में तो लगातार तीन दिन से न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दू पर होने से सुबह-शाम कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। यहां खुले मैदानों, पेड़-पौधों व वाहनों की छतों पर ओस की बूंदें बर्फ की परत के रूप में जमने लगी है। जिससे लोगों की दिनचर्या बदल गई है।
इधर, सर्दी के तेवर तीखे होने से मंदिरों में भी भगवान को शीतलहर से बचाव के लिए खास प्रबंध किए जा रहे हैं। भगवान की पूजा के समय से लेकर उनके वस्त्रों और प्रसाद में बदलाव किया गया है। मंदिरों में भगवान को गर्म व ऊनी वस्त्र पहनाए व ओढ़ाए जा रहे हैं और सेवा पूजा के समय में भी परिवर्तन किया गया है। मंदिरों में पुजारियों और भक्तों की ओर से भगवान को पोशाक के साथ कंबल, शॉल व चादर ओढ़ाई जा रही है।
बदला पहनावा, गर्म व्यंजनों का लगा रहे भोग


जिला मुख्यालय स्थित रामझरोखा मंदिर के पुजारी गिरीश भाई रावल ने बताया कि सर्दी बढ़ते ही भगवान का पहनावा भी बदल दिया जाता है। भगवान को ऊनी वस्त्र पहनाना 16 दिसम्बर से शुरू किया था, जो 14 जनवरी तक चलेगा। रावल ने बताया कि भगवान की प्रतिदिन पूजा अर्चना कर गर्म व्यंजनों का भोग लगाया जा रहा है। भगवान को पोशाक के साथ कंबल व शॉल भी ओढ़ाई जा रही है। सुनारवाड़ा के मुरलीधरजी मंदिर में भी सर्दी में पूजा के समय से लेकर ठाकुरजी की पोशाक व प्रसादी में बदलाव किया है। इसके अलावा जिले के अन्य मंदिरों में भी तेज सर्दी को देखते हुए भगवान की पोशाक व प्रसादी में बदलाव किया गया है।
कई जगह अंगीठी भी जला रहे
कुछ मंदिरों में भगवान की पोशाक में परिवर्तन करने के अलावा सर्दी से बचाव के लिए सुबह-शाम अंगीठी भी जलाई जाती है।इसके अलावा सेवा पूजा व आरती के समय में भी बदलाव किया गया है।

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