इस महामारी का भावनात्मक पक्ष देखे तो निनिश्त तौर पर लोगों में दया, सहानुभूति, धर्म की पवित्रता, सहायता, दानशीलता आदि सहायक गुणों का आरोपण हुआ है। लॉक डाउन अवधि के दौरान मैंने श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन किया जिससे समाज तथा जीवन को देखने की नई दृष्टि मिली। विद्यार्थियों के लिए सलाह है कि दैनिक कार्यक्रम को विभजित करें। जैसे अध्ययन, शारीरिक व्यायाम, संस्कृत के श्लोक, खेल, सुलेख आदि।
– हितेन्द्र बी ओझा, निदेशक, आस्था शिक्षण एवं सेवा संस्थान, सिरोही
वन्य जीवों को खाना खिलाया
सिरोही. लॉक डाउन के कारण जानवरों को भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में जिन्दगी एक मिशन संस्था की ओर से प्रतिदिन भामाशाहों के सहयोग से वन्य जीवों, गायों व बंदरों के लिए खाने की व्यवस्था की जा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को आम्बेश्वर महादेव मंदिर के समीप गायों, बंदरों व पक्षियों के खाने की व्यवस्था की। संस्था के अध्यक्ष रिक्षित सिंह कोटेसा ने बताया कि संकट की घड़ी में इन बेजुबानों की सहायता की जा रही है। इस अवसर पर संस्था के सचिव मृत्युंजय दवे, महामंत्री महेंद्र वाघेला आदि उपस्थित थे।