28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पर्यटन स्थल माउंट आबू में बनेगा मॉडिफाई जोनल मास्टर प्लान, नागरिकों को मिलेगी राहत

स्थानीय बाशिन्दाें को नागरिकों को भवन निर्माण संबंधी समस्याओं से मिलेगी राहत

3 min read
Google source verification
पर्यटन स्थल माउंट आबू में बनेगा मॉडिफाई जोनल मास्टर प्लान, नागरिकों को मिलेगी राहत

पर्यटन स्थल माउंट आबू में बनेगा मॉडिफाई जोनल मास्टर प्लान, नागरिकों को मिलेगी राहत

Modified zonal master plan will be made in Mount Abuमाउंट आबू. स्वायत शासन मंत्री के सलाहकार जी.एस. संधु ने कहा कि पर्यटन स्थल के बाशिंदों को लंबे समय से चली आ रही परेशानियों से निजात दिलाने को शीघ्र ही मॉडिफाइड जोनल मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। जिसके लिए कवायद आरंभ कर दी गई है। यह बात उन्होंने ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर परिसर में आयोजित जनसुनवाई के दौरान कही।


इस अवसर पर पालिका मंडल नेता प्रतिपक्ष सुनील आचार्य ने बताया कि माउंट आबू में निर्माण कार्यों की स्वीकृति जारी करने के लिए सरलीकरण को हरित प्राधिकरण की ओर से 2018 में तीन महीने के अंतर्गत मॉडिफाइड जेएमपी तैयार करने के आदेश दिए गए थे, जिससे परेशान नागरिकों को राहत मिल सके, लेकिन पांच साल बीतने के बावजूद भी अभी तक मॉडिफाइड जोनल मास्टर प्लान बनाने की पालिका की ओर से कोई कार्रवाई शुरू नहीं होने से नागरिकों की परेशानी बढ़ रही है। जिससे परेशान युवा पीढ़ी माउंट आबू से पलायन करने को विवश हो रही है।


होटल उद्यमी समाजसेवी गीता अग्रवाल ने कहा कि नए भवन निर्माण की स्वीकृति मिलना तो दूर की बात है लेकिन मामूली टूट-फूट की मरम्मत से लेकर आवश्यक कार्यों के लिए स्वीकृति प्राप्त करने की पत्रावलियां नागरिकों की ओर से नगरपालिका को प्रस्तुत किए अरसों बीतने के बावजूद भी कोई कारगर कार्रवाई नहीं होने से लोगों को बार-बार संबंधित कार्यालयों के चक्कर काटने को विवश होना पड़ रहा है। निर्माण सामग्री परिवहन करने की स्वीकृति प्राप्त करने में भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


पालिका पूर्व अध्यक्ष सुरेश थिंगर ने कहा कि नागरिकों के पुराने जर्जर भवनों की स्थिति भारी दयनीय हो रही है, यहां होने वाली अत्यधिक बारिश, भारी शीत लहर की वजह से लोगों के भवनों की दीवारों पर सीलन बनी रहती है। दीवारें जगह जगह से दरकी हुई है। छत आदि कमजोर होने से भवन हल्के भूकंपों के झटकों को सहन करने की स्थिति में नहीं है। ऐसी जीर्ण-शीर्ण स्थिति में लोगों को आवास छोडने को मजबूर होना पड़ता है। भवन जान माल के लिए भारी खतरा बने हुए हैं। ऐसी स्थिति में निर्माण स्वीकृति की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए।


जिस पर स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल के सलाहकार डॉ. संधु ने मौके पर उपस्थित प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत, स्वायत शासन सचिव महेश चंद शर्मा, संयुक्त शासन सचिव अवधेश सिंह, जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल वर्मा, उपखंड अधिकारी सिद्धार्थ पालानीचामी, डीएलबी उपनिदेशक एन.के. वर्मा आदि अधिकारियों से विचार विमर्श कर मौके पर ही नई दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लॉनिंग व आर्कीटेक्ट की विभागाध्यक्ष प्रो डॉ. मीनाक्षी धोते जिन्होंने पूर्व में माउंट आबू का जेएमपी तैयार किया था, से वार्ता कर उन्हें शीघ्र ही मॉडिफाई जोनल मास्टर प्लान तैयार करने के लिए माउंट आबू आकर उसकी रूपरेखा बनाने का आग्रह किया। जिस पर उन्होंने स्कूल की प्रशासनिक टीम से विचार विमर्श कर माउंट आबू आने का कार्यक्रम तय करने की बात कही। इस असवर पर डॉ. प्रताप मिढढा, सलिल कालमा समेत विभिन्न लोगों ने विचार व्यक्त किए।


2010 में बनाया था मास्टर प्लान

उल्लेखनीय है कि 2010 में धोते के नेतृत्व में 28 लोगों की सर्वे टीम ने शहर का बारीकी से सर्वेक्षण कार्य किया था। जिसके अतंर्गत वन, वन संपदा, वन्यप्राणी, पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ईकोलॉजिकल बैलेन्स, ऐतिहासिक हैरिटेज, सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक व पर्यटन की केयरिंग के तहत जोनल मास्टर प्लान तैयार किया गया था।

जिसमें नागरिकों की आवश्यकताओं, पर्यटन के बढ़ते दबाब को देखते हुए आवासीय इमारतों के निर्माण, पेयजल भंडारण, भूगर्भीय जलस्तर को बढ़ाने की कवायद, पार्किंग स्थलों के निर्माण, सीवरेज लाइन ट्रीटमेंट व रीसाईकलिंग समेत विभिन्न मुददों पर चर्चा के बाद प्रावधान किया गया था, लेकिन कुछ विसंगतियां रहने से पुन: मॉडिफाई मास्टर प्लान बनाए जाने के पालिका मंडल को निर्देश दिए थे, जिसका कार्य अभी तक लंबित है।