
गिरीश शर्मा
Sirohi News: आबूरोड।प्रदेश में चार साल पहले कृषि उपज मंडियों से बाहर की दुकानों पर समाप्त किया गया मंडी शुल्क वापस लागू कर दिया है। इससे राज्य की 147 कृषि मंडियों की आय में करीब 450 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी।
पहले केवल कृषि मंडी के अंदर की दुकानों से ही मंडी शुल्क लिया जाता था, बाहर व्यापार करने वालों को छूट थी। ऐसे में यह आय करीब 250 करोड़ ही थी। मंडी शुल्क लागू करने से अब आय के अभाव में माली हालात से गुजर रही प्रदेश की तीन दर्जन से अधिक मंडियों को संबल मिलेगा।
मंडी नियमों के तहत मंडी यार्ड में किसानों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता। यदि किसान अपने अनाज की सफाई करवाना चाहत है, तो उसका शुल्क देना होता है। चाहे तो किसान यह कार्य हमाल से करवाकर उसका शुल्क वहन कर सकता है। सफाई से किसान के माल की कीमत बढ़ जाती है और उसे ज्यादा मुनाफा होता है।
राज्य में डी श्रेणी की मंडियों में सबसे छोटी मंडी सिरोही जिले में आबूरोड में स्थित है। जिसका सालाना आय का लक्ष्य करीब 40 लाख ही है। शेष मंडियों का 75 लाख के करीब है।
राज्य में कृषि उपज मंडी प्रांगण से बाहर की कृषि जिंसों की दुकानों पर मंडी शुल्क वापस लागू किया गया है। इससे मंडियों की आय में वृद्धि होगी। मंडियों का तेजी से विकास होगा। किसानों पर किसी तरह का मंडी शुल्क नहीं है।
रजनीश सिंह, सचिव, कृषि उपज मंडी, आबूरोड (सिरोही)
Published on:
20 Oct 2024 03:01 pm
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