
Now the ideal or excellent will not be written on the board of schools
सिरोही. पूर्व सरकार ने स्कूलों को निजी विद्यालयों के स्तर तक लाने के लिए आदर्श एवं उत्कृष्ट का दर्जा देकर शिक्षा के क्षेत्र में अलग पहचान की कवायद शुरू की थी लेकिन वर्तमान सरकार ने इस योजना पर विराम लगा दिया है। इसके लिए गुरुवार को ही राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. एनके गुप्ता ने आदेश जारी कर विद्यालय के नाम के साथ आदर्श या उत्कृष्ट नहीं जोडऩे की बात कही।
गुप्ता ने बताया कि विद्यालय के बोर्ड या अन्य स्थानों पर राज्य की ओर से चयनित आदर्श या उत्कृष्ट विद्यालय लिखवाना था, लेकिन संस्था प्रधानों की ओर से गलत रीति अपनाते हुए विद्यालय के मुख्य द्वार के बोर्ड पर विद्यालय के नाम में, शाला दर्पण पोर्टल, विद्यालय के लेटर हैड व स्टाम्प में भी आदर्श या उत्कृष्ट जोड़ दिए थे।
अब फिर से संकट
जिले में १६६ आदर्श तथा १४४ उत्कृष्ट विद्यालय हैं। पूर्व के आदेशानुसार भामाशाह ने यहां अन्य मद से स्कूल के बोर्ड या अन्य स्थानों पर नाम व लोगो लगवाया था, जिसको अब फिर से मिटाना पड़ेगा तथा बोर्ड खराब होने पर फिर से नया नाम लिखवाना होगा।ऐसे में स्कूल प्रबंधन के सामने फिर मशक्कत का संकट होगा।
&विद्यालय का पूरा नाम जैसे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय उसके बाद स्थान का नाम फिर छोटे शब्दों में ऊपर या खाली जगह में राज्य की ओर से चयनित विद्यालय लिखवा सकते हैं।
- अमरसिंह, परियोजना अधिकारी, समसा, सिरोही
Published on:
13 Sept 2019 10:24 am
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