कांस्टेबल की हत्या की सूचना पर देर रात करीब ढाई बजे एसपी सिरोही अनिल कुमार व डीएसपी जेठूसिंह करनोत अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सरुपगंज अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।
जानकारी के अनुसार पिंडवाड़ा तहसील के स्वरूपगंज थाना क्षेत्र के लौटाना गांव में शिवरात्रि का मेला था। मेला देर रात तक चलता है। कांस्टेबल निरंजन सिंह की इस मेले में ड्यूटी लगी थी। मेले में आदिवासी युवकों के दो पक्षों में झगड़ा हो गया। कांस्टेबल निरंजन सिंह विवाद को सुलझाने के लिए गए थे। इसी दौरान रात को 12.58 बजे उनकी हत्या कर दी गई।
बताया जा रहा है कि मेले में देर रात को किसी बात को लकर दो पक्षों में विवाद हो गया। इस पर कांस्टेबल समझाइश के लिए मौके पर गए। उन्होंने बीच बचाव का प्रयास किया और एक व्यक्ति काे पकड़कर ले दूर ले जाने लगे तो कुछ युवकों ने उनकी आंखों में मिटटी फेंककर नीचे गिरा दिया और इसके बाद किसी बदमाश ने उन पर चाकू से हमला कर दिया। चाकू से हमला करने के बाद बदमाश कांस्टेबल को तड़पता छोड़कर मौके से फरार हो गए। काफी खून बहने से कांस्टेबल ने दम तोड़ दिया।
कांस्टेबल निरंजन सिंह मूल रूप से नागौर जिले के गोटन निवासी था और करीब 3 साल से सरुपगंज थाने में तैनात था। पुलिस ने घटना की सूचना उसके परिजनों को दी। इस पर परिजन मौके पर पहुचे। पुलिस ने कांस्टेबल की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें गठित कर तलाश शुरू की है।
नागौर से पहुंचे परिजन, कांस्टेबल को शहीद का दर्जा देने की मांग
सूचना पर मृतक कांस्टेबल के परिजन सरुपगंज अस्पताल पहुचे, और डयूटी के दौरान मौत होने के चलते शहीद का दर्जा देने की मांग की।