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पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव तैयार किया, चिकित्सा कर्मियों के आवास पर 98 लाख रुपए होंगे खर्च

6 क्वार्टर व तीन डॉक्टर हाउस की सुधरेगी दशा, जर्जर हालत को लेकर पत्रिका ने उठाया था मुद्दा पत्रिका की मुहिम लाई रंग

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माउंट आबू. अब इन क्वार्टरों की बदलेगी सूरत

माउंट आबू. अब इन क्वार्टरों की बदलेगी सूरत

आउंट आबू. करीब 100 साल पुराने माउंट आबू के सरकारी अस्पताल में बने चिकित्सा कर्मियों के आवास निर्माण व मरम्मत को लेकर अब तकमीना तैयार किया गया है। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा करीब 1 सप्ताह की मशक्कत के बाद बनाए गए तकमीने के तहत चिकित्सा कर्मियों के आवास पर 98 लाख रुपए खर्च होंगे। जिसमें 6 मेलनर्सो के क्वार्टरों का नया निर्माण व 3 डॉक्टर हाउस और एक वार्ड की मरम्मत होगी। अब इस मामले में आगामी कार्रवाई के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने तकमीने व नक्शे की पूरी फाइल उच्च अधिकारियों को भेज दी है। इससे पूर्व चिकित्सा कर्मियों के सरकारी आवासों की जर्जर हालत को लेकर राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से समचार प्रकाशित कर मुद्दा उठाए जाने के बाद विधायक समाराम गरासिया ने 50 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। ऐसे में अब इस पर लागत 98 लाख रुपए आ रही है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के अनुसार 50 लाख की लागत से छह नर्सिंग कर्मियों के आवासों का निर्माण हो जाएगा। जबकि 3 डॉक्टर हाउस व एक वार्ड को दो डॉक्टरों के आवास में बदलने के लिए मरमत में 48 लाख रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। जिसको लेकर अब असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि विधायक गरासिया ने बताया कि एक बार कार्य शुरू होने के बाद दूसरा बजट अगर कहीं से नहीं मिलेगा तो वे देने के लिए तैयार है।

सांसद बोले सारा पैसा हम दे देंगे तो सरकार क्या कर रही है

इस मामले को लेकर सांसद देवजी पटेल ने बताया कि सरकारी अस्पताल में आवास निर्माण व मरम्मत को लेकर जब सारा पैसा हम सांसद व विधायक मद से दे देंगे तो राज्य सरकार क्या कर रही है। उन्होंने बताया कि इस पर सरकार को भी पैसा खर्च करना चाहिए। सांसद पटेल ने बताया कि उनकी ओर से सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस सहित मशीनरी के लिए बजट का मना नहीं है। लेकिन इस पर राज्य सरकार को भी आगे आना होगा। उन्होंने बताया कि उनको सांसद मद से 25 लाख रुपए तक की स्वीकृति देने का अधिकार है। फिर भी अगर ऐसा होगा तो उनके पास तकमीना आने के बाद विचार करेंगे।

यह है पूरा मामला

20 मई 1900 में अंग्रेजी हुकूमत की ओर से राजस्थन के एकमात्र पर्यटन स्थल माउंट आबू में सरकारी अस्पताल के रूप में रखी गई नींव आज 122 वर्ष बाद अब जर्जर हालत में है। ऐसे में दूसरों की जिंदगी बचाने वाले चिकित्साकर्मी खुद खतरे के साए में रहने और कार्य करने व सोने को मजबूर है। जिसको लेकर पत्रिका ने यह मुद्दा पिछले मंगलवार को प्रमुखता से उठाया था।

- हमने तकमीना तैयार कर दिया है। 6 नर्सिंग कर्मियों के क्वार्टर का नए निर्माण में 50 लाख व अन्य डॉक्टरों के आवास मरम्मत के लिए 48 लाख रुपए खर्च होंगे।

संजीव संचेती, ए ई एन, पीडब्ल्यूडी, माउंट आबू

फोटो - माउंट आबू. अब इन क्वार्टरों की बदलेगी सूरत