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दीपावली के मौके पर अनोखी परंपरा: दौड़ में अव्वल रहने वाली गाय से जानते हैं भविष्य

locationसिरोहीPublished: Oct 27, 2019 01:49:41 am

Submitted by:

abdul bari

( diwali 2019 ) गायों को गुड़ खिलाया जाता है। ढोल की थाप पर नृत्य किया जाता है। इस अवसर पर ( tradition on diwali ) ग्वाले हेर गीत सुनाते हैं। ( diwali pooja ) इसी दिन पशुपालक मवेशियों का शृंगार करते हैं। खेती-बाड़ी और पशुपालन पर निर्भर इस अंचल के बहुसंख्यक ग्रामीणों के लिए पशु ही धन होने से खास पूजा भी करते हैं।

Race of cows on Diwali in sirohi : Special tradition on diwali

Race of cows on Diwali in sirohi : Special tradition on diwali

सिरोही.
जिले में परम्पराएं भी अजीब हैं। वासा गांव के आखरिया चौक पर दीपावली के अगले दिन गोवर्धन मेला सजता है। इसमें गायों को रंगों से रंगकर, सींगों पर मोरपंख आदि बांधकर सजाया जाता है। गायों को गुड़ खिलाया जाता है। ढोल की थाप पर नृत्य किया जाता है। इस अवसर पर ( tradition on diwali ) ग्वाले हेर गीत सुनाते हैं। इसके बाद गायों की दौड़ होती है। प्रथम रहने वाली गाय के रंग के आधार पर साल का भविष्यफल देखा जाता है। श्याम रंग की गाय को शुभ माना जाता है। गेरुए रंग की गाय को सामान्य माना जाता है एवं काली व सफेद रंग की गाय प्रथम रहने पर साल को खराब व सूखा माना जाता है। दौड़ देखने आस-पास के लोग आते हैं।
पशुओं की होती है पूजा ( diwali pooja )

इसी दिन पशुपालक मवेशियों का शृंगार करते हैं। खेती-बाड़ी और पशुपालन पर निर्भर इस अंचल के बहुसंख्यक ग्रामीणों के लिए पशु ही धन होने से खास पूजा भी करते हैं। पशुओं का मुंह मीठा करवाया जाता है।
दौड़ाने के लिए आतिशबाजी ( sirohi news )

गायों को गोहरी स्थल पर ले जाया जाता है। जहां पूजा के बाद गायों को दौड़ाने के लिए आतिशबाजी की जाती है। इस माहौल को हर कोई कैमरे में कैद करने को आतुर होता है।

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