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‘छुक-छुक’ का सपना अधूरा…टूटी सड़कें-पानी की किल्लत

Rajasthan Assembly Election 2023: देवनगरी कहे जाने वाले सिरोही को सरकार ने साढ़े चार साल में कई सौगातें दी, लेकिन स्थानीय मुद्दों ने इन कामों पर पानी फेर रखा है। मेडिकल कॉलेज से लेकर नर्सिंग कॉलेज और इंडोर स्टेडियम निर्माण सहित कई बड़े सपने साकार तो हुए, लेकिन लोगों की नजरों में मुख्यालय का विकास टूटी सडक़ों और घरों में पानी की किल्लत के बीच हिचकोले खा रहा है।

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भुवनेश पंड्या
सिरोही.Rajasthan Assembly Election 2023: देवनगरी कहे जाने वाले सिरोही को सरकार ने साढ़े चार साल में कई सौगातें दी, लेकिन स्थानीय मुद्दों ने इन कामों पर पानी फेर रखा है। मेडिकल कॉलेज से लेकर नर्सिंग कॉलेज और इंडोर स्टेडियम निर्माण सहित कई बड़े सपने साकार तो हुए, लेकिन लोगों की नजरों में मुख्यालय का विकास टूटी सडक़ों और घरों में पानी की किल्लत के बीच हिचकोले खा रहा है। बरसों से पाला रेल सेवा का सपना भी आज तक पूरा नहीं हो पाया। ये भी सामने आया कि यहां के लोगों को सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी नहीं है। सिरोही एयर स्ट्रिप का विस्तार भी कागजों से बाहर नहीं निकल पाया।

जब मैं सिरोही पहुंचा तो देखा कि चारों और सडक़ें खुदी हुई हैं। शहर में भीड़-भाड़ के बीच बेतरतीब यातायात व्यवस्था और गंदगी का आलम है। बस स्टैंड पर गंदगी पसरी है, सफाई की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं। बारिश के समय जलभराव भी बड़ी समस्या है। पानी के निकास का कोई इंतजाम नहीं है। मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद चिकित्सा व्यवस्था पर्याप्त नहीं है, लोगों को उपचार के लिए पालनपुर या उदयपुर की राह लेनी पड़ती है।
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सबसे पहले बस स्टैंड देखा तो बाहरी बोर्ड पर बस स्टैंड के नाम का कपड़ा फटकर झूलता नजर आया। बस स्टैंड पर काफी देर से बस का इंतजार कर रहे अमृत सुखवाल से बात की तो वे बोले, ये भी कोई बस स्टैंड है। यहां जैसे हालात तो कहीं नहीं देखे, गंदगी पसरी रहती है। यहां पर आकर बैठना ही खुद को सजा देना है। अनादरा चौराहा पर होटलकर्मी रमेश ने पहले तो बात करने में आनाकानी की, लेकिन बाद में राजी होते हुए और बोले, सिरोही में मेडिकल कॉलेज खुला है, अन्य कई विकास कार्य हुए हैं। हमें तो सरकार के कार्य बेहतर लग रहे हैं। वहां से कुछ दूर एक दुकानदार भानाराम ने बताया कि उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में मामूली जानकारी है, चिंरजीवी योजना से फायदा हुआ है।
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सरकार ने यहां अच्छे कार्य किए हैं। सर्जावा गेट पर फू ल-फल सब्जी का ठेला लगाने वाले हीरालाल माली ने बात करने में खासी रुचि दिखाते हुए कहा कि हमें तो साढ़े चार साल में कोई बदलाव नजर नहीं आया, विकास कार्य होने के खाली ढोल पीटे जा रहे हैं, सडक़े खराब हैं, सात-सात दिन पानी का इंतजार करते हैं। सरकार की योजनाओं के बारे में तपाक से बोल पड़े, हमें जानकारी नहीं है, मंहगाई राहत कैंप के बारे में पूछा तो बोले, बिजली का बिल पहले जितना ही आया है। बस स्टैंड क्षेत्र पर एक दुकान संभाल रहे महेशकुमार जोश से बोले कि विकास तो हुआ है, लेकिन पानी व सडक़ की समस्या बनी हुई है। कई दिनों तक घरों में पानी नहीं आता है। चुनाव आते हैं तो नेता आते हैं...वादे करते हैं और फिर सब भूल जाते हैं।

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