
आबूरोड। राज्य सरकार के वर्ष 2025-26 के बजट में शहर में महिला महाविद्यालय खोलने की घोषणा से बालिकाएं बेहद खुश है। टीएसपी क्षेत्र होने से क्षेत्र की आदिवासी के साथ अन्य वर्ग की ज्यादा बालिकाओं को उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे। उन्हें स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए बाहर महिला महाविद्यालय में प्रवेश के लिए नहीं जाना पड़ेगा। छात्र-छात्रा महाविद्यालय में बेटियों को प्रवेश दिलाने में संकोच करने वाले अभिभावक अब निश्चिंत होकर बेटियों को कॉलेज पढ़ाई के लिए भेजेंगे। वर्तमान में 1166 विद्यार्थियों के नामांकन वाले शहर के महाविद्यालय में 505 छात्राएं अध्ययनरत हैं।
मौजूदा महाविद्यालय में साइंस वर्ग में बॉयोलॉजी व मैथ्स की 35-35 सीटें, वाणिज्य में 80 व कला वर्ग में 160 सीटें हैं। हर साल कुल 275 सीटों के लिए एक हजार से अधिक प्रवेश आवेदन प्राप्त होते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में छात्राएं प्रवेश से वंचित हो जाती है। उन्हें कॉलेज की पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता है।
कई अभिभावक बालिकाओं को बाहर भेजने से कतराते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं तो बाहर जाने का सोच भी नहीं पाती। इसके चलते कई छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाती। महिला महाविद्यालय खुलने से अधिक से अधिक बालिकाओं को प्रवेश मिलेगा। इससे बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
महाविद्यालय प्रशासन ने शहर में महिला महाविद्यालय के लिए वर्ष 2015 में कॉलेज शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव भेजा था। जिसमें आबूरोड ब्लॉक के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रही छात्राओं की संख्या समेत अन्य जानकारी दर्शाई थी। छात्र संगठनों व जनप्रतिनिधियों ने भी समय-समय पर राज्य सरकार से छात्राओं के लिए अलग से महाविद्यालय खोलने की मांग की थी। अब जाकर भजनलाल सरकार ने महाविद्यालय की सौगात दी है।
सिरोही जिले में यह तीसरा महिला महाविद्यालय होगा। इससे पहले शिवगंज और सिरोही में महिला महाविद्यालय संचालित हैं। इससे जनजाति बालिकाओं को सबसे अधिक फायदा होगा।
सरकार का महिला महाविद्यालय खोलने का निर्णय बहुत अच्छा है। छात्राएं खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी। ज्यादा बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
-मुस्कान, बीएससी छात्रा
छात्राओं को पढ़ाई का सुरक्षित वातावरण उपलब्ध होगा। महिला महाविद्यालय की घोषणा से हमें बहुत खुशी है। माता-पिता भी बालिकाओं को कॉलेज भेजने के लिए सहमत होंगे।
-वैशाखी सिंह, एमए छात्रा
महिला महाविद्यालय खुलने से बालिकाएं आगे की पढ़ाई जारी रख पाएंगी। आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को संबल मिलेगा। जनजाति वर्ग की ज्यादा संख्या में बालिकाएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी।
-डॉ. अंशुरानी सक्सेना, प्राचार्य, एसएमससी राजकीय महाविद्यालय, आबूरोड।
Updated on:
21 Feb 2025 11:55 am
Published on:
21 Feb 2025 11:54 am
बड़ी खबरें
View Allसिरोही
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
