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समीकरण बनाने-बिठाने में भी जुटे प्रत्याशी, चुनाव प्रचार के लिए बचे दो दिन, कार्यकताओं की आव-भगत भी शुरू

सिरोही. जिले के चारों निकायों के चुनाव को लेकर प्रत्याशियों व समर्थकों की ओर से प्रचार परवान पर है।

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समीकरण बनाने-बिठाने में भी जुटे प्रत्याशी, चुनाव प्रचार के लिए बचे दो दिन, कार्यकताओं की आव-भगत भी शुरू

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सिरोही. जिले के चारों निकायों के चुनाव को लेकर प्रत्याशियों व समर्थकों की ओर से प्रचार परवान पर है। अब प्रचार में दो दिन बचे हैं। प्रमुख राजनीतिक पार्टियां व प्रत्याशियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। प्रत्याशी जीत का गणित बिठाने में भी जुट गए हैं। शहर पोस्टर-बैनर से अट गया है। भोंपू प्रचार भी शुरू हो गया है। जीत के समीकरण भी पल-पल बदलते नजर आ रहे हैं। प्रचार में लगे कार्यकताओं की आव-भगत शुरू हो गई है।
सिरोही नगर परिषद, शिवगंज, पिण्डवाड़ा तथा माउंट आबू नगर पालिका के लिए मतदान 16 नवम्बर को होना है, वहीं वार्डों में चुनाव प्रचार 14 नवम्बर की शाम 5 बजे थम जाएगा। यानी प्रत्याशियों के पास चुनाव प्रचार के लिए केवल दो दिन हैं। 15 नवम्बर को घर-घर सम्पर्क ही किया जा सकेगा।

जोर अब जातीय गणित पर
प्रमुख दलों व निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव कार्यालय खोल लिए हैं। रैली व बड़े नेताओं की वार्ड सभा अभी कम ही दिखाई दे रही है। पोस्टर, बैनर, पम्पलेट, सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग के नियमों की पालना करते हुए प्रचार तेजी पकड़ रहा है। मंगलवार को कांग्रेस की ओर से शहर के 35 वार्डों में रैली निकाली गई। वहीं भाजपा की ओर से भी बड़े पदाधिकारी प्रत्याशियों के साथ जुटे रहे। प्रचार के अंतिम चरण में ज्यादातर प्रत्याशी द्विस्तरीय रणनीति पर कार्य कर रहे हैं। इनमें पहली रणनीति घर-घर जनसम्पर्क, कार्यकर्ताओं की रैली व बड़े नेताओं की सभा करवाने की है। वहीं दूसरी रणनीति वार्डों में मतदाताओं का जातीय गणित अपने पक्ष में करने की है। इसके लिए प्रत्याशी रिश्तेदारों, मित्रों, समाज के बड़े पदाधिकारियों को वार्डों में बुलाकर जातीय समीकरण बिठाने को प्रयासरत हंै।

सभापति की दावेदारी की सुगबुगाहट नहीं, वार्डों पर फोकस
सभापति की दावेदारी को लेकर अभी कोई खास सुगबुगाहट नहीं है। भाजपा तथा कांग्रेस दोनों पार्टियां फिलहाल वार्डों में जोर लगा रही है। वार्ड परिणाम के बाद ही चेहरे सामने आएंगे। हालांकि दोनों पार्टियों के लोग चेहरे गिनाकर चर्चा जरूर कर रहे हैं। लेकिन तस्वीर निकाय चुनाव के परिणाम के बाद ही साफ होगी।

एक गली में दो-दो वार्ड
इन दिनों यहां नगरपरिषद के चुनाव में रोचक नजारे देखने को मिल रहे हैं। शहर में मोहल्ले ही नहीं, कई गलियां भी ऐसी हैं जहां दो-दो वार्ड हंै। यानी गली में आधे लोग अलग पार्षद चुनेंगे और आधे अन्य। कुछ मोहल्लों में ऐसी भी स्थिति है जहां आमने-सामने के परिवार अलग-अलग पार्षद चुनेंगे। यह सारी स्थितियां हाल ही हुए वार्डों की बढ़ोतरी के बाद सामने आई है।

एक गली के पास तीन वार्डों की कमान
सिरोही शहर में एक गली ऐसी भी है जहां के मतदाता तीन पार्षदों को चुनकर नगरपरिषद में भेजेंगे। यानी यह गली लम्बी है और बड़े भू-भाग में फैली है। कारण कि दोनों तरफ से खुली होने के कारण लम्बा एरिया कवर करती है। इस गली में तीन वार्ड आते हैं। जानकार बताते हैं कि इस गली के कॉर्नर को भी शामिल किया जाए तो इसका कुछ हिस्सा चौथे वार्ड को भी कवर करता है।