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Jawai Dam : हवा के झोंकों संग छलका जवाई, अलर्ट जारी, जानिए अब तक कितनी बार खोले गए गेट

Jawai Dam: पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध के वर्ष 1957 में बनने के बाद 66 साल में 9वीं बार गेट खुलने वाले हैं। बांध का गेज बुधवार को कुल भराव क्षमता 61.25 फीट के मुकाबले 61.05 पर फीट (7273.50 एमसीएफटी) पर पहुंच गया है।

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Jawai Dam: महज एक बरसात खोल देगी खु​शियों का द्वार

Jawai Dam: महज एक बरसात खोल देगी खु​शियों का द्वार

पत्रिका न्यूज नेटवर्क/ सिरोही। Jawai Dam: पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध के वर्ष 1957 में बनने के बाद 66 साल में 9वीं बार गेट खुलने वाले हैं। बांध का गेज बुधवार को कुल भराव क्षमता 61.25 फीट के मुकाबले 61.05 पर फीट (7273.50 एमसीएफटी) पर पहुंच गया है। बांध के पानी भराव की कुल क्षमता 7327.50 एमसीएफटी में अब केवल 54 एमसीएफटी पानी आते ही गेट खोल दिए जाएंगे। उधर, बांध क्षेत्र में बुधवार शाम तेज आंधी चलने पर लहरों के साथ पानी छलकने लगा और नदी में बहने लगा। यह नजारा ऐसा लगा मानो बांध के गेट खुल गए और तेज वेग से पानी बहने लगा है। बिपरजॉय तूफान की झमाझम बरसात के बाद से जवाई बांध और उसके सहायक सेई बांध में जल आवक शुरू हुई। जवाई बांध का गेज तेजी से बढ़ा। सेई बांध में तेज गति से जल आवक हुई। इस पर सेई बांध से पानी को जवाई में अपवर्तित करना शुरू किया गया। हालांकि, मानूसन की बरसात जवाई बांध क्षेत्र में कम हुई, लेकिन सेई बांध में जल आवक जारी रही और उसका पानी जवाई बांध में पहुंचता रहा।

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सेई बांध को खाली करना जरूरी: सेई बांध से पानी को एक टनल के माध्यम से जवाई बांध की तरफ डायवर्ट किया जाता है। इस टनल को गहरा करने का कार्य 16 सितम्बर 2021 को कार्य शुरू किया गया था। सेई बांध में पानी आने पर टनल का कार्य रुक गया था। उस कार्य को 15 सितम्बर 2024 तक पूरा करना है। ऐसे में सेई बांध का पानी खाली करना जरूरी है। इसी कारण सेई का पूरा पानी जवाई बांध में लेना होगा।

मंद हो गई है आवक: जवाई बांध में इस समय सेई से आ रहे पानी की आवक मंद हो गई है। इसका कारण यह है कि सेई बांध का गेज जो सिर्फ 4.80 मीटर रह गया है। जबकि बिपरजॉय तूफान व मानसून के समय यह 8 मीटर से ऊपर पहुंच गया था। यह पानी निकलने पर ही सेई की टनल को 1.50 मीटर तक गहरा किया जा सकेगा। इसके बाद अधिक पानी जवाई में डायवर्ट होगा।

किसानों व पशुपालकों से नदी क्षेत्र में नहीं जाने की अपील: जवाई बांध के गेट खोलने को लेकर अधिशासी अभियंता जवाई नहर खंड की ओर से चेतावनी जारी की गई है। अधिशासी अभियंता गंगाराम ने बताया कि जवाई बांध के गेट खोलने पर जवाई नदी के आस-पास के गांवों और कस्बों के लोगों को नदी के पास नहीं जाने के साथ किसानों, पशुपालकों को नदी क्षेत्र में नहीं जाने को कहा गया है। मवेशियों को भी नदी क्षेत्र में नहीं जाने देने की हिदायत दी है।

आंकड़ों में जवाई बांध
● 1957 में बनकर तैया हुआ था मरुसागर जवाई बांध
● 60 फीट के साथ 7000 एमसीएफटी थी क्षमता
● 1973 में अतिवृष्टि के बाद बढ़ाया गया बांध का गेज
● 61.25 फीट के साथ बांध का की क्षमता हो गई 7327.50 एमसीएफटी
● 8 बार ही जवाई बांध के अब तक खोल गए है गेट
● 13 गेट है जवाई बांध के
● 1 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा सकती है 13 गेट खोलने पर
● 50 गुणा 16.15 फीट का है एक गेट

कब-कब खुले जवाई के गेट
वर्ष: 1973, 1990, 1992, 1993, 1994, 2006, 2016 व 2017

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जवाई बांध का गेज 61 फीट पार, किसानों-पशुपालकों को चेताया: सेई बांध पर सेई टनल को गहरा करने कार्य और पानी की लगातार आवक के चलते जवाई बांध में पानी की लगातार आवक जारी है। ऐसे में जवाई बांध का गेज शुक्रवार को 61.05 फीट पार कर चुका है, जबकि जवाई बांध की कुल भराव क्षमता 61.25 फीट है। पानी की आवक को देखते हुए जवाई नहर खंड सुमेरपुर के अधिशाषी अभियंता ने अलर्ट जारी किया है। जिसमें उन्होंने बताया कि वर्तमान में पानी की आवक को देखते हुए कभी भी जवाई बांध के गेट खोले जा सकते है। ऐसे में जवाई नदी के आस-पास के गांवों के ग्रामीणों को जवाई नदी के पास न जाने की हिदायत दी गई है। साथ ही बताया कि किसान स्वयं व अपने मवेशियों को नदी से दूर ही रखें।