
शिवगंज. शहर में मसालों की एक दुकान के बाहर खुले में पड़े मसाले।
शिवगंज. खाद्य पदार्थो में मिलावट रोकने को लेकर खाद्य विभाग की ओर से शुरू किए गए 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान के महज कागजी खानापूर्ति होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी से लेकर अब तक विभाग की ओर से शिवगंज शहर में मसाला विक्रेताओं के यहां से दो बार नमूने लिए गए। इनमें से दो दुकानों के नमूने दोनों बार विभाग की ओर से करवाई गई जांच में 'अनसेफ' यानी खाने के लायक नहीं बताए गए हैं। बावजूद इन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से इन दुकानों पर ये मसाले खुले आम धड़ल्ले से बिक रहे हैं।
गौरतलब है कि अभियान के दौरान तत्कालीन खाद्य निरीक्षक विनोद कुमार शर्मा ने जनवरी के प्रथम सप्ताह में अंबिका चौक में चार दुकानों से मिर्च, धनिया, हल्दी इत्यादि मसालों के नमूने लेकर जांच के लिए लैब भिजवाए थे। जांच के दौरान इनमें से दो दुकानों के लाल मिर्च के सेम्पल 'अनसेफ' पाए गए। यानी उपयोग में नहीं लिए जाने वाले तथा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाए गए।
'अनसेफ' के बावजूद कार्रवाई नहीं
मसाला का विक्रय करने वाली दो दुकानों के सेम्पल 'अनसेफ' साबित हो जाने के बाद गत 25 जनवरी को सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने पत्र जारी कर इन दोनों दुकानदारों को उनके मसाला सेम्पल 'अनसेफ' पाए जाने की जानकारी देते हुए जांच से संतुष्ट एवं असंतुष्ट होने सम्बंधी जानकारी 30 दिन के भीतर विभाग को देने को कहा था। बाद में नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाने की चेतावनी दी थी।
दूसरी जांच में भी 'अनसेफ'
इसके बाद तत्कालीन खाद्य निरीक्षक शर्मा ने मार्च में दूसरी बार इन दुकानों से मसाले के सेम्पल लिए। इस बार भी इन दोनों दुकानों के सेंपल 'अनसेफ' पाए गए। लगातार दो बार सेम्पल 'अनसेफ' पाए जाने के बावजूद विभागीय कार्रवाई के अभाव मेें ये मसाला विक्रेता अनवरत यही मसाले बाजार में बेचते रहे और आज भी बिक रहे हैं।
शीघ्र करेंगे कार्रवाई
यदि कोई सेम्पल 'अनसेफ' पाया जाता है तो पहले एक माह का नोटिस दिया जाता है। व्यापारी चाहे तो दूसरी जांच स्वयं के खर्च पर करवा सकता है। यदि वह दूसरी जांच नहीं करवाना चाहता तो फिर चालान कोर्ट में पेश करते हैं। हमारे पास अभी फूड इन्सपेक्टर नहीं है। माउंट आबू में जो फूड इस्पेक्टर तैनात है, उसे यहां बुलाकर शीघ्र ही कार्रवाई करेंगे। यदि कोई सेम्पल 'अनसेफ' पाया जाता है और व्यापारी बड़े स्तर पर इस प्रकार के खाद्य पदार्थ का विक्रय करता है तो 'सीज' करने की कार्रवाई भी हो सकती है।
- डॉ. राजेश कुमार, सीएमएचओ, सिरोही
Published on:
10 Jun 2022 02:09 pm
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