चौकीदार वनाराम के बेटे गोकलाराम से बातचीत के कुछ अंश
पत्रिका: बड़े बर्तन में ये दूध किसके लिए जा रहे होघ्
चौकीदार का बेटा : तहसीलदार साहब के लिएण्ण्ण्
पत्रिका: कितना दूध है अन्दर
चौकीदार का बेटा: मुझे नहीं पता कि कितना दूध है। गोशाला से इस बर्तन को भरकर देते हैं और मैं ले जाकर तहसीलदार साहब के घर छोड़ आता हूं।
ग्वाला गणेशाराम देवासी से बातचीत
पत्रिका : अर्बुदा गोशाला से तहसीलदार के घर कितना दूध जाता है
ग्वाला : पीने के लिए ले जाते हैंण्ण्ण्सुबह साढ़े तीन लीटर और शाम को दो लीटर
पत्रिका : रोज जाता है इतना दूध
ग्वाला : हांए रोज जाता है
कर्मचारी गोवाराम से बातचीत पत्रिका : यहां से किस किसके घर पर दूध जाता है
कर्मचारी : तहसीलदार साहब के लिए जाता है बस
पत्रिका : रोज कितना दूध जाता है
कर्मचारी : बड़ा टिफिन भरकर ले जाते हैं
720 गोवंश हैं अर्बुदा गोशाला में
585 बड़े और 135 बछड़े
45 से 50 दुधारू पशु
10 बछड़ों की दो महीनों में मौत
15,67800 रुपए अनुदान मिला ;दो महीने का
मैं गोशाला में चौकीदार हूं और फिलहाल ड्यूटी जोड पर है लेकिन मैं अभी तहसीलदार जी के यहां हूं। गोशाला का कोई काम होतो वहां के मुनीम जगदीश से बात कर लो जैसा फोन पर वनाराम ने बताया
चार महीने से लॉकडाउन चल रहा है। इसलिए अभी गोशाला का चौकीदार वनाराम मेरे घर पर काम नहीं करता है। चौकीदार का बेटा जो घर पर दूध लेकर आता है। वह गोशाला से नहीं, दूसरी जगह से लेकर आता है
– प्रवीण रत्नू, तहसीलदारए सिरोही