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तीरगर समाज का तीसरा राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह: नशा मुक्ति व कुरीतियां मिटाने का संकल्प

मंडार. तीरगर समाज का तीसरा राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह तीरगर युवा फोर्स समिति सुन्धामाता के तत्वावधान में शनिवार देर रात्रि मालीपुरा कुसमा स्थित श्रीरामदेवपीर मंदिर के महंत शिवनाथ एवं महेशनाथ की शुभ निश्रा में आयोजित किया गया।

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तीरगर समाज का तीसरा राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह: नशा मुक्ति व कुरीतियां मिटाने का संकल्प

sirohi

मंडार. तीरगर समाज का तीसरा राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह तीरगर युवा फोर्स समिति सुन्धामाता के तत्वावधान में शनिवार देर रात्रि मालीपुरा कुसमा स्थित श्रीरामदेवपीर मंदिर के महंत शिवनाथ एवं महेशनाथ की शुभ निश्रा में आयोजित किया गया।
इसमें रेवदर विधायक जगसीराम कोली, अहमदाबाद की अधिवक्ता किरणबेन तीरगर, मंडार सरपंच राजाराम कोली का आतिथ्य रहा। इस मौके पर भजन संध्या में पिण्डवाड़ा की रेखा एण्ड पार्टी, नरेश एण्ड पार्टी व मांगीलाल सुथार एण्ड पार्टी के कलाकारों ने तड़के तक एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती व भगवान राम-लक्ष्मण-सीता की तस्वीर के आगे दीप प्रज्वलित कर की गई।
कोली ने कहा कि समाज को विकास की धारा से जोडऩे के लिए शिक्षा आवश्यक है। उन्होंने समाज के छात्रावास के लिए भूमि उपलब्ध करवाने तथा सामुदायिक भवन बनाने के लिए विधायक कोष से राशि देने की घोषणा की।
रणजीसिंह ने कहा कि तीरगर समाज आदि काल से पहचान कायम रखता आ रहा है। चाहे व रामायण काल हो या महाभारत, महाराणा प्रताप का हल्दी घाटी का युद्ध हो या पृथ्वीराज चौहान का समय हो, समाज के पुरखों ने देश व धर्म की रक्षार्थ के लिए हर समय तत्पर रहकर तीर-कमान बनाकर दिए हंै। उन्होंने समाज में नशामुक्ति, कुरीतियों को जड़ से मिटाने का संकल्प दोहराया। सरपंच राजाराम, प्रदेशाध्यक्ष नवाराम मारोल, कार्यक्रम अध्यक्ष किरणबेन व गुजरात के न्यायाधीश अनिलभाई ने भी संबोधित कर समाज के उत्थान व विकास पर बात रखी।
कार्यक्रम में अंजलि, कोमल, बसंती, फूलाराम समेत दर्जनों प्रतिभावान बालक-बालिकाओं का सम्मान किया गया। भामाशाह सोनाराम डाबी, प्रतापराम परमार, कांतिलाल परमार, तेजाराम परमार, लालाराम बामणिया, सोमाराम सोलंकी, खेताराम परमार, मूलाराम सोलंकी, सोनाराम सोलंकी, उकाराम सोलंकी, छगनलाल डाबी, मंजीराम सोलंकी, कृष्णलाल परमार, शांतिलाल परमार आदि भामाशाहों का सम्मान किया गया। इस मौके पर अतिथियों को समृति-चिन्ह, साफा व तीरगरों की पहचान तीर-कमान देकर सम्मान दिया गया। मेताराम, मेवाराम, बसंत कुमार, टीमाराम, मगनलाल, जगदीशकुमार व दिलीप कुमार ने सेवाएं दीं। मंच संचालन रमेशकुमार तीरगर ने किया।