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वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत दरी उद्योग की हुई शुरूआत, विदेशों में भी लोकप्रिय हैं दरियां

कभी सीतापुर की पहचान रहे दरी उद्योग के दिन जल्द ही संवरने वाले है।

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new udyog started Under one District One Product scheme

सीतापुर. कभी सीतापुर की पहचान रहे दरी उद्योग के दिन जल्द ही संवरने वाले है। सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत दरी उद्योग का चयन किया है। जिससे दरी बुनकर उद्योग को काफी सहूलियते मिलने की उम्मीद बंधने लगी है। प्रशासन ने भी इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना बनानी शुरू कर दी है। जिससे दरी व्यापारियों में ख़ासा उत्साह देखा जा रहा है।

विदेशों में भी खासी लोकप्रिय हैं दरियां

सीतापुर की बनी दरियां विदेशों में भी खासी लोकप्रिय हैं। यहां के कई दरी व्यवसाई दूसरे मुल्कों में यहां की बनी दरियों का निर्यात करते हैं। इस व्यवसाय से बड़ी तादात में लोगों का रोज़गार जुड़ा हुआ है। हांथ से काम करने वाले कारीगर अपनी हस्तकला के ज़रिये दरियों पर जो आकर्षण पैदा करते हैं उसे लोग निहारते रह जाते है। पिछले कुछ समय के भीतर यह दरी उद्योग मंदी का शिकार हो रहा था लेकिन मौजूदा सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत जबसे इस उद्योग का चयन किया है। इस योजना से दरी व्यापारियों के चेहरे खिल उठे है।

सुझाव पर विचार किया

हाफ़िज़ मोहम्मद अकरम ( दरी निर्यातक ) बताया है कि सरकार द्वारा वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट प्रोग्राम में बुनकर उद्योग का चयन किये जाने के बाद प्रशासन ने भी इसके उत्थान के लिए कार्य योजना बनानी शुरू कर दी है। इस सम्बन्ध में दरी व्यापारियों के साथ जिला प्रशासन ने एक बैठक कर उनकी समस्याओं पर चर्चा कर उसके निदान के लिए सुझाव पर विचार किया है। जल्द ही इस बाबत एक कार्य योजना तैयार कर उसे शासन को भेजा जायेगा।

लहरपुर क़स्बा दरी उद्योग के लिए ख़ासा मशहूर

शीतल वर्मा (जिलाधिकारी ) ने कहा है कि सीतापुर का खैराबाद और लहरपुर क़स्बा दरी उद्योग के लिए ख़ासा मशहूर है। शहर के पुराने सीतापुर इलाके में भी कई दरी फैक्ट्रियां ऐसी है जिनका माल विदेशों में भेजा जाता है। बड़ा उद्योग होने के कारण जिले के हज़ारो लोग इसी व्यवसाय से अपनी रोज़ी-रोटी चलाते है। पिछले कुछ समय के भीतर दरी उद्योग को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में इस उद्योग का चयन होने के बाद इस व्यवसाय से जुड़े लोगों में बेहतरी की उम्मीद जागने लगी है।