सीतापुर जिले की मिश्रिख विधान सभा ऐसी सीट है जहां से सपा 25 साल से कब्जा बनाएं हुए हैं और बसपा नंबर दो पर। वर्तमान में रामपाल राजवंशी सपा से विधायक है इन्होंने बसपा के मनीश रावत को लगभग 2 हजार से अधिक मतों से हराया था। इस सीट से न तो भाजपा का खाता खुला और न ही बसपा का। यहां तक कि महिला प्रत्याशी भी कभी चुनाव नहीं जीती। यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राम रतन सिंह लगातार विधायक चुने जाते रहे थे। उन्होंने जीत का अभियान 1974 से लगाकर 1977, फिर 1980 और 1985 के चुनाव में भी जारी रखा। तभी 1989 के चुनाव में राम रतन सिंह के जीत के रथ को निर्दलीय प्रत्याशी ओम प्रकाश गुप्ता ने रोका और इस चुनाव में ओम प्रकाश ने राम रतन सिंह को 16000 मतों से हरा दिया। हालांकि 1991 के चुनाव में राम रतन सिंह फिर जीते लेकिन इसके दो वर्ष बाद 1993 के चुनाव ओम प्रकाश गुप्ता ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की।
20 साल से नंबर दो पर बीएसपी
मिश्रिख विधानसभा पर 1996 से बसपा ने कांग्रेस को नम्बर दो के पायदान से भी पीछे ढकेल दिया। यहां बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी अभी तक कोई चुनाव तो नहीं जीता लेकिन नंबर दो पर बनी है। 1996 में बसपा के वीरेंद्र कुमार मिश्र सपा के ओम प्रकाश गुप्ता से करीब 11000 वोटों से पीछे रहे थे तो 2002 में बसपा के राकेश सिंह सपा के ओम प्रकाश गुप्ता से करीब 18000 वोटों से हारे थे तो 2007 में सपा के अनूप गुप्ता से बसपा के गया प्रसाद मिश्र को महज 3000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। तो वहीं 2012 के चुनाव में सपा के रामपाल राजवंशी से बसपा के मनीष कुमार रावत को 2000 से भी कम वोटों से हार मिली थी।
राम रहे सबसे अधिक बार विधायक
सीतापुर की कुछ ही ऐसी कोई विधानसभा होगी जिसमे एक व्यक्ति पांच या उससे अधिक बार विधायक रहा हो। मिश्रिख विधानसभा में कांग्रेस नेता राम रतन सिंह उनमे से एक थे। 1989 राम रतन सिंह डबल हैट्रिक से चूक गए।
पिता-पुत्र का जलवा
मिश्रिख विधानसभा की राजनीति में ओम प्रकाश गुप्ता का अपना अलग ही व्यक्तित्व रहा है। अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में उन्होंने राम रतन सिंह को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर कड़ी शिकस्त दी थी। जिसके बाद ओम प्रकाश गुप्ता कोई चुनाव नहीं हारे और 2007 के चुनाव में उन्होंने अपने पुत्र अनूप गुप्ता को यहां से विधायक बनाकर अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया।
2012 से सुरक्षित
मिश्रिख सीट को आयोग ने 2012 में सुरक्षित सीट का दर्जा दे दिया था। लिहाजा इस चुनाव में सपा ने मिश्रिख से राम पाल राजवंशी को अपना प्रत्याशी बनाया। वहीं अनूप गुप्ता को मिश्रिख छोड़कर महोली से चुनाव लड़ना पड़ा।
आंकड़े जो बोलते हैं
कुल मतदाता
2,79,302
महिला
1,23,481
पुरुष
1,55,821
ये क्षेत्र जो बदल देते है समीकरण
अधिक मतदाता
कटिया 961, चितरेहटा 1005, गढी 1183, हरिपालपुर 1238, हीरापुर आंशिक 1335, कल्ली और खरगपुर 1383 और मरेली में 1468 मतदाता है।
कम मतदाता
सिकंदरपुर 311, जमलापुर 366, हिसामपुर जकरिया 341, नेवदिया 349, दलेलनगर 485, आदिलपुर 634, परसदा आंशिक 668 और रामपुर मे 816 मतदाता है।