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बीजेपी की सहयोगी अपना दल के विधायक की चेतावनी, प्रधानों के हक के लिए सड़क से सदन तक होगी लड़ाई

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Hariram Chero

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सोनभद्र. बीजेपी की सहयोगी अपना दल के विधायक हरिराम चेरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रधानों के हक के लिए सड़क से सदन तक लड़ाई होगी। उन्होंने कहा कि पंचायती राज व मनरेगा में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी को लेकर गत 19 सितम्बर को माननीय मुख्यमंत्री को पत्रक सौंपा गया है। जिसकी जांच जिलाधिकारी सोंनभद्र ने मुख्य विकास अधिकारी को सौपी है। हरिराम चेरों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के साढ़े 4 लाख करोड़ की बजट में सवा दो लाख करोड़ प्रदेश के अधिकारी डकार जा रहे है जिससे प्रदेश का विकास नहीं हो पा रहा है।


अब सूचना यह मिल रही है कि क्षेत्र के प्रधानों से ग्राम विकास अधिकारी यह कहकर साइन करा रहे हैं कि विधायक जी ने आपकी शिकायत की है और आपके तरफ से सहमति ली जा रही है कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुई है। लेकिन यह लड़ाई अधिकारियों के कमीशनखोरी के खिलाफ है इसमें प्रधानों से कोई लेना देना नहीं है। जब ग्राम सभा में चौदहवां वित्त व राज्य वित्त व मनरेगा से होने वाले कार्यों में जब 50 से 60 अधिकारियों की कमीशनखोरी हो जाएगी तो गांव में विकास कार्य क्या दिखेगा। ग्राम प्रधान उन्हें मुंह नहीं दिखाने के काबिल नहीं है जो जनता उन्हें जिताया है।


जीएसटी लेकर 60 प्रतिशत ग्रामसभा में है। सचिव लोगों ने कहा कि विधायक जांच करा रहे हैं जिसको लेकर कई प्रधानों से हस्ताक्षर करा रहे हैं। मुख्यमंत्री को अवगत काराया गया है कि गांवो में विकास के खेल में 50 से 60 प्रतिशत का कमीशन का खेल चल रहा है। जिस पर डीएम को जांच सौंपी गई है। अगर इसमें जांच नही हुई तो हम धरने पर बैठेंगे। ग्राम प्रधानों ने संयुक्त रूप से कहा कि कमीशन नही देने पर खाता सीज करने के साथ एफआईआर भी कराया जाता है जिससे गांव का विकास कार्य मानक अनुरूप नही हो रहा है।ग्राम प्रधानों ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित पत्रक क्षेत्रीय विधायक को सौंपा जिसमें यह अवगत कराया कि चौदहवाँ व राज्य वित्त में 50 से 60 प्रतिशत व मनरेगा में 60 प्रतिशत तक का कमीशन ब्लॉक के अधिकारियों द्वारा काट लिया जाता है। प्रधानों ने अवगत कराया कि टीएस के नाम पर डेढ़ प्रतिशत ,सचिव / जेई, 10 %, ग्राम पंचायत / सेक्रेट्री ,5% जेई एमबी के नाम पर , 10%एडीओ पंचायत , 10%टेंडर सामग्री सप्लायर , एडीओ पंचायत कार्यालय खर्च 2% के व मनरेगा में ग्राम पंचायत अधिकारी/ जेई 10 % , सामग्री सप्लायर 10%, बीडीओ कार्यालय बड़े बाबु 4% , मनरेगा सेल 2-3% , ग्राम पंचायत अधिकारी / जेई 5% एमबी के नामपर, खंड विकास अधिकारी 10 % व टीएस के नाम पर 1.5 प्रतिशत की कमीशनखोरी की जाती है यह सारा खेल डीपीआरओ व डीसी मनरेगा के संरक्षण में खेला जाता है।जिससे दाक्षिणांचल के समस्त गांव एक समग्र विकास से कोसों दूर है। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्रक की जांच सीडीओ सोंनभद्र कर रहे है अगर उक्त प्रकरण में कोई बड़ी कार्रवाई नही हुई तो सीधा मुख्यमंत्री के पास प्रधानों को ले जाया जाएगा। वहीं लखनऊ में धरना दिया जाएगा।