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सावन के अंतिम सोमवार प्रयागराज के शिवालयों में जुटी रही भीड़, होता रहा अभिषेक

सावन के अंतिम सोमवार को प्रयागराज के शिव मंदिरों में श्रध्दालुओं की भारी भीड़ जमा रही। श्रावण मास के आखिरी सोमवार को सोम प्रदोष व्रत भी है। इस दिन यह व्रत पडऩे के कारण सावन के आखिरी सोमवार का महत्व और भी बढ़ गया है। प्रयागराज के सभी शिव मंदिरों में अभिषेक और पूजा चलती रही। वहीं उत्तर प्रदेश किन्नर बोर्ड की सदस्य कौशिल्या नंद गिरि ने भी विधि विधान से भगवान शिव का अभिषेक किया।

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सावन के अंतिम सोमवार प्रयागराज के शिवालयों में जुटी रही भीड़, होता रहा अभिषेक

प्रयागराज में भगवान शिव का अभिषेक करतीं किन्नर महामंडलेश्वर कौशिल्यानंद गिरि

प्रयागराज। सावन के अंतिम सोमवार को प्रयागराज के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जमा रही। इसी दिन सोम प्रदोष व्रत होने के कारण सोमवार को मनकामेश्वर मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर अरैल, त्रिनेत्र शिव मंदिर कीडगंज, कोटेश्वर महादेव मंदिर आदि शिवालयों पर सुबह से ही जलाभिषेक और पूजा पाठ करने वालों जुटे रहे। इसके अलावा बंधवा में स्थित बड़े हनुमान जी के मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा।

यह वर्ष शिवभक्तों के लिए बेहद अहम रहा। पहले 15 दिन का सावन और फिर उसके बाद एक महिने का पुरुषोत्तम मास और फिर उसके बाद 15 दिन के सावन को लेकर कुल दो महिना पूरा शिवभक्तों के लिए समर्पित रहा। दो महिने तक सभी शिवालयों में अभिषेक के साथ ओम नम: शिवाय की गंूज सुनाई देती रही। वहीं किन्नर महामंडलेश्वर कौशिल्यानंद गिरि ने भी प्रयागराज में किन्नरों के साथ पहुंच कर भगवान शिव का अभिषेक करते हुए लोक कल्याण की कामना किया। इस दौरान उन्होने कहा कि भगवान शिव मनुष्य को इच्छानुसार फल देने वाले देवता हैं। इनकी पूजा सदैव भक्तों के लिए हितकारी होती है।