
Great Indian bustard : गोडावण
जयपुर. भारत में जंगली जानवरों, सरिसृप और पक्षियों की 133 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। इनमें बंगाली टाइगर और एशियाई शेर भी हैं। जबकि दस फीसदी पूरी तरह लुप्त हो चुके हैं। जैसे सुमात्राई गैंडे और लाल सिर वाली बतख।
राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण को बचाने के जतन
आइसीयूएन (अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ) ने पिछले दिनों राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण को दुनिया के सबसे संकटग्रस्त परिंदों में माना है। 2017 में इनकी संख्या महज 150 थी, जो 70 के दशक में 745 थी। अब इस खूबसूरत पक्षी की संख्या बढ़ाने के लिए जैसलमेर के नेशनल डेजट पार्क में देश का पहला गोडावण प्रजनन केंद्र स्थापित किया है।
इन पर भी संकट : रेड हेड वल्चर या गिद्ध, साइबेरियाई क्रेन और जंगली उल्लू की प्रजातियां भी लुप्त होने की कगार पर हैं।
जंगल और वन्यजीव से जुड़े तथ्य
-पृथ्वी की सतह का लगभग एक तिहाई क्षेत्र कवर करते हैं जंगल
-42 करोड़ हेक्टेयर जंगल खत्म हो चुके हैं 1990 से अब तक
-दुनिया में पेड़ों की 60 हजार से अधिक प्रजातियां हैं, जबकि 20 हजार पेड़ों का अस्तित्व खतरे में है।
-पिछले चार दशक में पृथ्वी से जानवरों की करीब 50 फीसदी प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं।
-9060 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में नष्ट हो गए अमेजन के जंगल पिछले वर्ष लगी आग में, लाखों पशु-पक्षी और वनस्पति भी खाक
Published on:
17 Sept 2020 06:36 pm
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