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Ajmer Discom : चित्तौड़ सर्कल में पांच माह में छह करोड़ से अधिक का नुकसान…पढ़े यह है कारण

जिले में पिछले पांच माह में मानसून के दौरान एवं अन्य कारणों के चलते चित्तौड़ सर्कल में बिजली के उपकरणों के जलने अथवा अन्य कारणों के चलते छह करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

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चित्तौडगढ़़. अजमेर विद्युत वितरण निगम के चित्तौडगढ़़ सर्कल में पिछले पांच माह में छह करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। यह नुकसान मानसून के दौरान हुई तेज बारिश और अन्य कारणों से होना माना जा रहा है। इसमें ट्रांसफार्मर खराब होना, बिजली के खम्भे टूटना, तार टूटना इत्यादि शामिल है। हालांकि डिस्कॉम का दावा है कि सभी जगह विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी है। अजमेर विद्युत निगम के अन्तर्गत चित्तौडगढ़़ सर्कल आता है। सर्कल में 17 सब डिवीजन बने हुए हैं। इनके माध्यम से घरों में बिजली की आपूर्ति होती है। प्रदेश में मई माह के अंत से ही प्री-मानसून गतिविधियों का दौर शुरू हो गया था। नियमित अंतराल के साथ बारिश का दौर अभी तक जारी है। एक अप्रेल 2025 से 30 अगस्त तक चित्तौडगढ़़ सर्कल को अब तक 6 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। बारिश की गतिविधियों के कारण ट्रांसफार्मर खराब होना, बिजली के 11 केवी, 33 केवी और एलटी के खम्भे टूटना और तार टूटना आम बात है। सर्कल में अब तक 1516 से अधिक बिजली के पोल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसी प्रकार 2948 के करीब ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं। डिस्कॉम की ओर से खराब ट्रांसफार्मरों को बदलकर अथवा उन्हें दुरुस्त कराकर सप्लाई वापस लगाए जाते हैं, जिससे विद्युत की सप्लाई जारी रहे। इसी प्रकार क्षतिग्रस्त पोल और टूटे बिजली के तारों को बदलकर अथवा दुरुस्त कर सप्लाई शुरू की जाती है। हालांकि इसमें कुछ समय जरूर लगता है। बारिश के दौरान भी डिस्कॉम के प्रयासों से ही घरों तक बिजली पहुंच पाती है। हालांकि अब डिस्कॉम की ओर से फॉल्ट आदि सुधारने का काम निजी हाथों में दे दिया है। लेकिन निगरानी डिस्कॉम के इंजीनियरों की रहती है।

एक ट्रांसफार्मर पर खर्च होते हैं 15 से 20 हजार

डिस्कॉम के इंजीनियरों के अनुसार एक ट्रांसफार्मर को दुरुस्त कराने में 15 से 20 हजार रुपए खर्च होते हैं। जिले में 2948 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन्हें दुरुस्त कराने में ही 5 करोड़ से अधिक खर्च होंगे। इसी प्रकार 11 केवी, 33 केवी और एलटी के पोल आदि को दुरुस्त कराने एक करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि एक अप्रेल से लेकर 30 अगस्त 2025 तक चित्तौडगढ़़ सर्कल में 6 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है।

यह बताए जा रहे कारण

  • ट्रांसफार्मर पर बिजली गिरना
  • आंधी और बारिश से खराब होना
  • पेड़ की टहनियां खम्भों पर गिरना
  • कटाव अथवा तेज बारिश में बहना
  • ट्रांसफार्मर से ऑयल चोरी करना

जिले में खराब ट्रांसफार्मरों की स्थिति

चित्तौड़ सर्कल में 17 सबडिवीजन आते हैं। एक अप्रेल से 30 अगस्त तक भदेसर में 372 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं। इसी प्रकार डूंगला में 164, कपासन में 271, राशमी 161, रावतभाटा 203, बड़ी सादड़ी 220, बस्सी में 183, बेगूं में 196, भोपालसागर में 214, चित्तौड़ सिटी प्रथम में 15, सिटी द्वितीय में 14, गंगरार में 275, मांगरोल में 153, निम्बाहेड़ा सिटी में 57, ग्रामीण में 163, सावा में 121, ग्रामीण चित्तौड़ में 166 में ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं।

फैक्ट फाइल

  • 5,14,882 जिले में विद्युत कनेक्शन
  • 96,934 जिले में कृषि कनेक्शन
  • 34,000 कॉमशियल कनेक्शन

यह हुआ नुकसान

  • 33 केवी के 35 पोल क्षतिग्रस्त
  • 11 केवी के 1004 पोल क्षतिग्रस्त
  • 477 एलटी पोल क्षतिग्रस्त
  • 310 ट्रांसफार्मर का स्ट्रेक्चर

खराब ट्रांसफार्मर बदले, सुचारू रही सप्लाई

सर्कल में बारिश के दौरान जहां भी ट्रांसफार्मर, बिजली के खम्भे आदि खराब अथवा क्षतिग्रस्त हुए उन्हें बदलकर बिजली आपूर्ति को सुचारू किया। एक अप्रेल से अब तक 2948 के करीब ट्रांसफार्मर खराब हुए और 1516 खम्भे क्षतिग्रस्त हुए थे। इससे करीब छह करोड़ का नुकसान हुआ है।

  • रामसिंह यादव, एसई चित्तौड़ सर्कल अजमेर विद्युत वितरण निगम

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