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ग्रीन हाउस और शेडनेट ने बदली गांव की तस्वीर

जोबनेर तहसील के बस्सी झाझड़ा गांव के रमेश यादव कृषि में बीएससी करने के बाद खेती को ही कॅरियर के रूप में चुना। पांच पॉली हाउस लगाए, जिनमें खीरा, लौकी, शिमला मिर्च सहित अन्य सब्जियां उगाकर सालाना 50 लाख का मुनाफा कमा रहे हैं। इसी गांव में अन्य ग्रामीणों ने भी अपने पॉली हाउस लगा रखे हैं। ग्रीन हाउस व शेडनेट को बढ़ावा देने के लिए सरकार 95 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। इसके चलते किसानों का इस ओर रुझान बढ़ा है। इसी का परिणाम है, गांव में करीब साढ़े चार सौ पॉली हाउस हैं।

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Kanchan Arora

Oct 03, 2023

ग्रीन हाउस और शेडनेट ने बदली गांव की तस्वीर

ग्रीन हाउस और शेडनेट ने बदली गांव की तस्वीर

गैर मौसमी फसलें उगाने में मदद
ग्रीन हाउस संरचना से वर्षा जल को संचित कर ड्रिप संयंत्र से सिंचाई की जा रही है। इस तकनीक से गैर-मौसमी फसलें उगाने में भी मदद मिलती है, जिनका किसानों को अ'छा मूल्य मिल जाता है।
पौधों के लिए है सुरक्षा कवच
ग्रीन हाउस से फसलों की अधिक गर्मी- सर्दी से रक्षा हो जाती है। साथ ही ओलावृष्टि, अतिवृष्टि से बचाव हो जाता है। तापमान नियंत्रण में रहता है और कीटों से भी रोकथाम हो जाती है।
अनुदान राशि बढ़ाई
सामान्य किसानों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत तक व अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को 70 प्रतिशत तक अनुदान देय है। इस वर्ष की बजट घोषणा में अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के सभी कृषकों तथा समस्त लघु, सीमांत कृषकों को 95 प्रतिशत तक का अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
कृषक राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन या ई-मित्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। नक्शा, मिट्टी एवं पानी की जांच रिपोर्ट आदि दस्तावेज साथ रखें।
इनका कहना है
प्रदेश में चार साल में 48 लाख से Óयादा वर्गमीटर में पॉली हाउस एवं शैैडनेट लगे हैं। इन पर सरकार ने अनुदान दिया है। ग्रीन हाउस पर 95त्न सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए 11 कम्पनियों को पंजीकृत किया है।
- बीआर कड़वा, संयुक्त निदेशक उद्यान, कृषि मुख्यालय, जयपुर।

- भगवान सहाय यादव