
चैटजीपीटी द्वारा उत्पन्न विचार उन लेखकों की मदद कर सकते हैं जिनमें अंतर्निहित प्रतिभा की कमी है लेकिन इसका मतलब यह हो सकता है कि अद्वितीय विचार कम हैं
केस-़़01
भीलवाड़ा की एमएलवी टेक्सटाइल कॉलेज के आशीष मित्तल को प्रोजेेक्ट तैयार करना था। समझ नहीं आ रहा था कैसे पूरा करें। काफी परेशान होने के बाद एआई टूल की मदद से कुछ ही सैकंड में प्रोजेक्ट के हजारों ऑप्शन आ गए और प्रोजेक्ट तैयार हो गया।
केस-02
पेशेंट के दांत टेडे मेढे थे। दांतों के खूंटे निकले थे। इससे चेहरा भद्दा लगता था। एआई टूल्स की मदद से दांतों की िस्थति देखी है। कई तरह के ऑप्शन सामने आ गए। उसी के आधार पर उसका ऑपरेशन किया गया, जो सफल रहा। अब उसका चेहरा स्मार्ट हो गया।
केस-03
भीलवाड़ा के पंडित सीताराम त्रिपाठी ने एआई टूल की मदद से लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को 240 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी। जो सच साबित हुई। इसी तरह एआई की मदद से त्रिपाठी की कई और भविष्यवाणियां की जो सटीक बैठी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अब इंसानियत के भविष्य को नया आकार देने लगी है। शिक्षा, चिकित्सा और ज्योतिष में भी एआई का इस्तेमाल बढ़ रहा है। लिहाजा इन पेशों से जुड़े लोगों के काम आसान होने लगे हैं।
चैट जीपीटी जैसे एआई लैंग्वेज मॉडल और मिड जर्नी इमेज जनरेशन टूल्स भविष्य को नई दिशा दे रहे हैं। बड़े डाटा सेट और कंप्यूटेशनल पावर से ट्रेन्ड ये जनरेटिव एआई समाज में हलचल पैदा कर चुके हैं। बिग डाटा, रोबोटिक्स से लेकर आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) इसी पर निर्भर है। शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष से लेकर मीडिया क्षेत्र में एआई ने बड़े बदलाव शुरू कर दिए।
यों काम करता है एआई टूल
एमएलवी टेक्सटाइल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर आईटी अनुराग जागेटिया का कहना है कि एआई टूल्स अलग-अलग एल्गोरिदम पर काम करते हैं। सामान्य भाषा में कहें तो कई मॉडल पर काम करते हैं। इनमें विशेष रूप से पहला ट्रेंड व दूसरा टेस्टिंग होता है। हर विषय पर पहले डेटा को ट्रेंड कराया जाता है। उन्हीं डेटा के आधार पर टेस्टिंग की जाती है। इससे रिजल्ट में एक्यूरेसी आती है। इसी मॉड्यूल पर एआई काम करता है।
समय की बचत के साथ क्वालिटी एजुकेशन
एआई टूल्स विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के लिए उपयोगी है। इससे शिक्षा में क्रांति आ गई है। कुछ क्षण में बच्चों को प्रश्नों के सटीक उत्तर मिल रहे हैं। समय की बचत के साथ क्वालिटी एजुकेशन मिल रही है। उसके सामने कई विकल्प है। उसके लिहाज नए वीडियो सजेस्ट कर रहा है। बच्चे और आगे क्या…पर सोच रहे हैं। बच्चे चैट जीपीटी के साथ, ग्रामरली, गूगल बोर्ड, ट्यूटर एआई, कॉपी बोर्ड, ग्रेड स्कॉप, क्विल बॉट जैसे टूल्स काम ले रहे हैं। आने वाले समय में ये और ज्यादा फ्रेंडली होंगे।
-अपर्णा श्यामसुखा, शिक्षाविद्
मेडिकल डेटा का तेजी से विश्लेषण और उपचार
एआई एल्गोरिदम बड़े मेडिकल डेटा को तेजी से और सटीकता से विश्लेषित कर रहा है। इससे बीमारियों का पता लगा इलाज में सक्षम हो रहा है। आपके लक्षणों के जैसे विश्व भर के हजारों और मरीजों के डेटा का अध्ययन कर दवा सजेस्ट कर रहा है। डेटा के आधार पर उपचार की प्रभावता बढ़ जाती है। टेलीमेडिसिन और दूरसंचार, संचालन दक्षता, नैतिक विचार, एकीकरण नैतिक मानकों को बढ़ावा देंगे। आर्टरीज कार्डियो, गूगल डीप माइंट, आईडीएक्स डीआर जैसे कई टूल्स हैं जो काम में लिए जा रहे हैं।
-डॉ. हरीश मारू, फिजिशियन
ज्योतिषीय सिद्धांतों का विश्लेषण
वैदिक एस्ट्रोजीपीटी, कुंडली जीपीटी, एस्ट्रोनी, ओरेकल, टेरोमास्ट जैसे टूल ज्योतिष रीडिंग में उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर रहे हैं। इससे भविष्यवाणी करने में सटीकता आ रही है। एआई ज्योतिषी बिना प्रतीक्षा के उत्तर देता है। गणित और फलित ज्योतिष में ये टूल्स काफी उपयोगी हैं।
-पंडित सीताराम शास्त्री, अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष शोध विज्ञान संस्थान, जयपुर
Updated on:
30 Jun 2024 02:48 am
Published on:
30 Jun 2024 02:38 am
बड़ी खबरें
View Allखास खबर
ट्रेंडिंग
