यश शर्मा की पिछले साल 196 वीं रैंक मिली थी। अभी वे हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग कर रहे हैं। इनके पिता लोकेश कुमार शर्मा जिला न्यायालय के पॉक्सो नंबर दो कोर्ट में वरिष्ठ मुंसरिम और माता दीपा शर्मा शिक्षक हैं। उन्होंने कहा कि जब तक आत्मसंतुष्टि ना मिले लक्ष्य की तरफ बढ़ते रहे। अपनी सफलता का श्रेय माता पिता, छोटे भाई को दिया जो सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
शहर के साउथ वेस्ट ब्लॉक निवासी रिद्धिमा जैन ने प्रथम प्रयास में ही 123 वीं रैंक प्राप्त की है। 12 वीं तक की पढ़ाई अलवर और स्नातक की परीक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी से की है। पिता दिलीप जैन प्रधानाध्यापक और माता सुदेश जैन वरिष्ठ अध्यापिका हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा समय पढ़ने के बजाय क्वालिटी बेस पढ़ाई जरूरी है। उन्होंने सफलता का श्रेय अपने परिवारजनों को दिया है।
चौथे प्रयास में सफल हुए नमन
अलवर शहर के मनुमार्ग निवासी नमन जैन ने चौथे प्रयास में 676 वीं रैँक प्राप्त की है। इनके पिता सुरेश जैन बडतला व्यवसायी और माता रूचि जैन गृहिणी हैं। नमन पहले सीए थे इनका 25 लाख का पैकेज था। लेकिन जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की। वर्तमान में नजफगढ़ में एसीपी की ट्रेनिंग कर रहे हैं। इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व बहन दिया है। वे इस पद पर रहकर समाज की सेवा करना चाहते हैं।