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बालोतरा की अपनी हों पंचायती और खुद का राज

बल्र्ब- पंचायती राज ही विकास का बड़ा आधार बन रहा है। बालोतरा के जिला बनते ही बालोतरा जिला परिषद अलग से हो जाएगी। जिसका बजट, ग्रामीण विकास, बैठकें और पूरा ध्यान बालोतरा केन्द्रित होगा। अपनी पंचायती और अपना राज क्षेत्र विकास के लिए बड़ा आधार बन जाएगा।

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Ratan Dave

Dec 25, 2021

बालोतरा की अपनी हों पंचायती और खुद का राज

बालोतरा की अपनी हों पंचायती और खुद का राज

बालोतरा की अपनी हों पंचायती और खुद का राज
पत्रिका अभियान-बालोतरा की सुने सरकार
बल्र्ब- पंचायती राज ही विकास का बड़ा आधार बन रहा है। बालोतरा के जिला बनते ही बालोतरा जिला परिषद अलग से हो जाएगी। जिसका बजट, ग्रामीण विकास, बैठकें और पूरा ध्यान बालोतरा केन्द्रित होगा। अपनी पंचायती और अपना राज क्षेत्र विकास के लिए बड़ा आधार बन जाएगा।
फोटो समेत
बाड़मेर पत्रिका.
कल्याणपुर पंचायत समिति और इसके आसपास के जिला परिषद के सदस्यों से बात करें तो वे बाड़मेर केवल जिला परिषद की बैठक में ही आते है,इसके अलावा जिला मुख्यालय नहीं आ पाते है। जो महिला सदस्य है वे तो इतना संकुचाती है कि जिला परिषद की बैठक में भी मुश्किल से आ पाती है। बालोतरा जिला बनते ही जिला परिषद भी बालोतरा हो जाएगी और फिर जनता की यह आवाज इतनी जोर से मुखर होगी जितनी लोग चाहते है।
यह पंचायत समितियां होगी मजबूत
बालोतरा नया जिला में बायतु, गिड़ा, पाटोदी, बालोतरा, कल्याणपुर, समदड़ी, सिवाना और सिणधरी पंचायत समिति को शामिल किया जाता है। इसके आलावा भी प्रस्ताव की संभावन हो सकती है। अभी बाड़मेर जिला परिषद में 21 पंचायत समितियां है।
जिला परिषद के अपने होंगे वार्ड
जिला परिषद बाड़मेर में अभी 37 वार्ड है और संभावित 14 वार्ड बालोतरा के प्रस्तावित जिले में जुड़ सकते है। जिला परिषद की बैठक वर्षभर में चार-पांच बार आयोजित होती है,इसमें ये सदस्य एक दिन पहुंचते है। वहां 37 सदस्य, 07 विधायक, सांसद और अधिकारी बोलते है तो मुश्किल से किसी नंबर लग पाता है। जो ज्यादा बोलने वाले है वे वक्त ले जाते है और अधिकांश बिना बोले लौट आते है। बालोतरा अलग से जिला परिषद होते ही बालोतरा के गांवों की बात प्रमुखता से इस सदन में रखकर विकास को गति मिल सकती है।
खुद का बजट, खुद का ग्रामीण विकास
जिला परिषद का अलग हिस्सा बनते ही बालोतरा ग्रामीण विकास की अलग तस्वीर होगी। जिला परिषद को अपना बजट मिलेगा जो केवल बालोतरा से जुड़ी पंचायत समितियों के लिए आधार बनेगा और ग्रामीण विकास के तमाम जिला स्तरीय अधिकारी यहां होने से वे बालोतरा की तस्वीर को लेकर ही सोचेंगे।
जिला परिषद सदस्य बोले-
पाटोदी से बाड़मेर की 170 किलोमीटर दूरी है वही पाटोदी की अंतिम सीमा पर पंचायतों के काम के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । जिला परिषद बैठकों में भी पाटोदी से बाड़मेर के लिए कोई साधन नहीं है बालोतरा जिला बने तो हर प्रकार से सुविधा मिलेगी।- रुकमा लोहिया, जिला परिषद सदस्य पाटोदी
जिला मुख्यालय पहुंचने तक ही दोपहर हो जाती है। अधिकारियों कर्मचारियों के नहीं मिलने पर वापस बैरंग लौटना पड़ता है। हर एक के लिए बाड़मेर ठहरना संभव नहीं होता। सामान्य से सामान्य कार्य के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं, बालोतरा जिला बनाना हमारी बड़ी मांग है। - दर्शना चौधरी जिला परिषद सदस्य, बालोतरा
बालोतरा के नजदीक मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट रिफाइनरी सहित इंडस्ट्रियल व कॉमर्सियल हब बन रहा है, जिसको लेकर हर तरह की मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तर पर होने वाली सुविधा की जरूरत भी पड़ेगी। इन सभी जरूरतों को आज बालोतरा जिले के सारे मापदंड पूरे कर रहे हैं। व्यक्तिगत राय यह भी है कि बायतु विधानसभा का पूरा क्षेत्र बालोतरा में रखा जाए।- खैराजराम हुड्डा, जिला परिषद सदस्य वार्ड 33
बालोतरा को अब तो जिला बनाना ही चाहिए। जनसंख्या बढ़ी है तो आवश्यकताएं भी बढ़ी है। बाड़मेर जिले का अधिकांश बजट सीमांत क्षेत्र पर खर्च हो जाता है। ऐसे में बालोतरा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास नहीं हो पा रहा। - हंसराज प्रजापत, जिला परिषद सदस्य,सिणधरी
चुनावी घोषणा पत्र में पार्टियां जिला बनाने का वादे करके वोट ले लेती हैं सत्ता में आते ही भूल जाती हैं । सरकार को इस मांग को जल्द पूरा करना चाहिए जिससे जिला मुख्यालय की लंबी दूरी सहित विभागों सहित कामकाज के लिए परेशानी नहीं झेलनी पड़े। -उम्मेदाराम बेनीवाल जिला परिषद सदस्य, वार्ड संख्या 34
समदड़ी से जिला मुख्यालय करीब 160 किलोमीटर दूर पड़ता है । आवागमन के साधनों का अभाव होने से जिला मुख्यालय तक कम पहुंचा जाता है । बालोतरा जिला बने तो विकास कार्यों की पैरवी करने में आसानी रहेगी । आवागमन भी आसान होगा- पवनी देवी समदड़ी, जिला परिषद सदस्य