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शादी व अन्य मांगलिक समारोह में काम आने वाले बांस के बर्तन डेढ गुना बढ़े

बालाघाट से लाया जाता है बांस, ढुलाई का खर्च बढऩे का असर

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बालाघाट से लाया जाता है बांस

बालाघाट से लाया जाता है बांस

छतरपुर। बुंदेलखंड में शादी व अन्य मांगलिक समारोह सहित घरों में उपयोग होने वाले बांस के बर्तनों पर अब महंगाई की मार पडऩे से एक साल में इनके दाम डेढ़ गुना बढ़ गए हैं। बुंदेलखंड अंचल के हर घर में बांस के बने बर्तनों एवं सामग्री का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाना यहां की परंपरा में शामिल है। खासतौर से शादी व अन्य मांगलिक समारोह सहित घरेलू उपयोग में बड़ी मात्रा में बांस के बर्तनों का उपयोग किया जाता है। छतरपुर जिले में बांस के बर्तनों एवं बांस तैयार अन्य सामग्री में एक वर्ष में डेढ़ गुना उछाल आने से बांस के बर्तनों के दाम आसमान छूने लगे हैं।

बांस से बनी बड़ी डलिया जो पहले 300 रुपए में आती थी, इस वर्ष उसके दाम बढ़कर 450 रुपए हो गए हैं। छोटी डलिया 150 और 200 रुपए में बिक रही है। इसी तरह हर घर में उपयोग होने वाला सूपा अब 80-90 रुपए से बढ़कर 150 रुपए में बिक रहा है। शादी-विवाह में मुख्य रूप से उपयोग होने वाला बांस का बना पंखा 30 रुपए से 50 रुपए के दाम में उपलब्ध है। वहीं शादी में उपयोग होने वाली प्रमुख सामग्री छोटी चुलिया 130 रुपए में और बड़ी चुलिया 300 से 400 रुपए में बेची जा रही है।

बांस के बर्तन बेचने वाले रामाधीन और अजुद्दी ने बताया कि बांस के बर्तन बनाने के लिए क्षेत्र में बांस नहीं मिलता। उन्हें बांस बालाघाट से खरीदकर लाना पड़ता है। वहां बांस के रेट बहुत बढ़ गए हैं। इसके साथ ही ढुलाई का खर्च भी बढ़ गया है। जब हमें महंगे दामों पर बांस मिलेगा तो हमें भी मजबूरन दाम बढ़ाने पड़े हैं।