
चूरू. राज्य सरकार की ओर से निराश्रित बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए अब स्थापित गोशालाओं और नंदीशाला में भेजे जाने वाले गोवंश के लिए सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार के गोपालन विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रामीण और किसानों को निराश्रित बेसहारा पशुओं को समस्या से निजात दिलाने के लिए स्थापित नंदीशालाओं में नर गोवंश तथा गोशालाओं में संधारित दृष्टिबाधित एवं दिव्यांग गोवंश को देय अनुदान वर्षभर दिए जाने के लिए गोपालन विभाग वित्तीय वर्ष 2025-26 से 90 दिवस के अतिरिक्त सहायता जुलाई, अगस्त, सितंबर गो संरक्षण एवं संवर्द्धन निधि नियम संशोधन से सृजित निधि से वितरण के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
24 नवंबर अंतिम तिथि
इसके पश्चात ऑनलाइन आवेदन स्वीकार नहीं होंगें। इसलिए संस्थाएं 24 नवम्बर तक अपनी एसएसओ आईडी से गोपालन के वेब पोर्टल पर नंदी शालाओं में संधारित नर गोवंश तथा गोशालाओं में संधारित दृष्टिबाधित एवं दिव्यांग गोवंश के लिए अतिरिक्त 03 माह की सहायता के लिए ऑनलाइन आवेदन गोपालन वेब बेस्ड पोर्टल पर किया जाना सुनिश्चित करें।
पशुपालन विभाग ने मांगे ऑनलाइन आवेदन
नंदीशालाओं में संधारित नर गोवंश तथा गोशालाओं में संधारित दृष्टिबाधित एवं दिव्यांग गोवंश को अतिरिक्त तीन माह के लिए सहायता आवेदन 24 नवम्बर 2025 तक ऑनलाइन होंगें। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील मेहरा ने बताया कि निधि नियम-2016 अन्तर्गत गौशालाओं, नंदीशालाओं में संधारित गोवंश को वित्त वर्ष 2025-26 के प्रथम चरण की 03 माह की सहायता के पश्चात् जिले में स्थापित नंदीशालाओं में संधारित नर गोवंश तथा गोशालाओं में संधारित दृष्टिबाधित एवं दिव्यांग गोवंश को अतिरिक्त 3 माह जुलाई, अगस्त, सितम्बर 2025 की देय सहायता के लिए ऑनलाइन आवेदन गोपालन वेब पोर्टल पर आवश्यक रूप से अपलोड किए जाने हैं।
यह रहेंगी शर्तें
आदेश अनुसार गो संरक्षण एवं संवर्द्धन निधि संशोधित नियम अंतर्गत पात्र गौशाला, नंदीशाला जो वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम चरण में पूर्व में सहायता राशि के लिए पात्र है। जो नियमित रूप से अनुदान प्राप्त कर रही है। ये ही नंदी और गोशालाएं नर गोवंश, दृष्टिबाधित एवं दिव्यांग गोवंश की सहायता राशि के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पात्र है। आदेश में दिए गए 6 बिंदुओं को आधार मानकर शर्तों के अनुसार ये सहयोग राशि के लिए पात्र होगी।
दिशा निर्देशों का करें अवलोकन
गोपालन विभाग (Cow Husbandry Department) ने संस्थाओं को पत्र के माध्यम से दिशा निर्देश दिए है इसलिए उन्हें इसका अवलोकन कर आवेदन करना चाहिए। इसी क्रम में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय गोपाल समिति बनाई हैं। जिसमें जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी आधिकारी, जिला कोषाधिकारी और संयुक्त निदेशक कृषि सदस्य होंगे और जिला पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक सचिव होंगे।
गोपालन विभाग के आदेश में गो और नंदीशालाओं में संधारित गोवंश के वर्गीकरण अनुसार वह गोवंश जो एक आंख से अथवा दोनों आंखों से रोग अथवा दुर्घटना के कारण पूर्णतया दृष्टिहीन, वह गोवंश आनुवैशिक विकृति के कारण एक पैर से पूर्णरूप से अथवा एक से अधिक पैरों से आंशिक रूप से अथवा चलने में असक्षम है, दुर्घटना में चलने फिरने में असक्षम है। ऐसे गोवंश के लिए सहायता दी जाएगी।
ये संस्थाएं होंगी पात्र
राजस्थान गोशाला अधिनियम 1960 या राजस्थान सोसायटी पंजीयन अधिनियम 1958 या तत्समय प्रर्वत विधि के अधीन पंजीकृत गोशाला
जिला स्तरीय नंदीशाला पंचायत समिति स्तरीय नंदीशाला तथा ग्राम पंचायत पशु आश्रय स्थल
स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं की ओर से संचालित कोजी हाउस
विशेष परिस्थितियों में जिला स्तरीय गोपालन समिति से अनुमोदित, अनुशंसित संस्थाएं
Published on:
15 Nov 2025 11:50 am
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